Giridih : भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कार्रवाई करते हुए धनबाद की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने शुक्रवार को खोरीमहुआ अनुमंडल कार्यालय में कार्यरत लिपिक मनीष कुमार भारती को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी सरकारी काम के बदले रिश्वत मांगने की शिकायत के बाद की गई, जिससे सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार का एक और चेहरा उजागर हुआ है।
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Giridih : जमीन से जुड़े म्यूटेशन मामले में की थी पैसे की डिमांड
जानकारी के अनुसार, लिपिक मनीष भारती खोरीमहुआ एलआरडीसी कार्यालय में पदस्थापित था और मूल रूप से गावां का रहने वाला है, हालांकि वह हाल के दिनों में गिरिडीह में रह रहा था। उस पर आरोप है कि वह एक जमीन से जुड़े म्यूटेशन मामले में आदेश पारित कराने के एवज में शिकायतकर्ता से 10,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
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पीड़ित व्यक्ति ने ACB धनबाद को लिखित शिकायत सौंपते हुए बताया कि खोरीमहुआ के डीसीएलआर न्यायालय में चल रहे उनके म्यूटेशन केस में बिना घूस दिए फैसला नहीं सुनाया जा रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार, मनीष ने यह रकम डीसीएलआर के नाम पर मांगी थी और दबाव बना रहा था कि जब तक राशि नहीं दी जाएगी, आदेश पारित नहीं होगा।
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योजनाबद्ध तरीके से पकड़ाया आरोपी
शिकायत मिलने के बाद ACB की टीम ने मामले की जांच शुरू की। सत्यापन के दौरान आरोपों की पुष्टि हो गई। इसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने गुरुवार को योजनाबद्ध तरीके से खोरीमहुआ अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय परिसर में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान मनीष कुमार भारती को रिश्वत की राशि लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
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गिरफ्तारी के बाद आरोपी को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के तहत ACB कार्यालय धनबाद ले जाया गया, जहां आगे की पूछताछ जारी है। इस कार्रवाई से कार्यालय के अन्य कर्मियों में हड़कंप मच गया और आम लोगों में प्रशासन के प्रति भरोसे की एक नई लहर देखी गई।
सागर गुप्ता की रिपोर्ट–