बेगूसराय: एक कहावत है ‘न जाने केहि भेष में’। इस कहावत का मतलब होता है कि भगवान लोगों को न जाने कब, कहां और किस वेश में मिल जाएं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला बेगूसराय में जहां ट्रेन की ठोकर से घायल एक व्यक्ति को बच्चों ने कंधे पर लाद कर अस्पताल पहुंचाया जिससे उसकी जान बच गई। घायल व्यक्ति की पहचान चंदन चौधरी के रूप में की गई जबकि उनका जान बचाने वाले बच्चे सोनू, जियाउल और शिवा हैं। दरअसल लोहियानगर कॉलोनी में किराये पर रहने वाले चंदन चौधरी सब्जी खरीदने निकले थे और वह किसी तरह से एक ट्रेन की चपेट में आ गए।
ट्रेन की चपेट मी आने से वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई लेकिन भीड़ तमाशबीन बनी हुई थी। इसी बीच भीड़ देख तीन बच्चे वहां पहुंचे और उन्होंने घायल को अपने कंधे पर उठा कर वहां से घर ले गए और फिर ई -रिक्शा से अस्पताल पहुंचाया। जहां समय से इलाज मिल जाने के कारण घायल की जान बच गई। बताया जा रहा है कि घायल को अगर समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। तीनों बच्चे महज सात से नौ वर्ष के हैं और आपस में दोस्त हैं।
मामले में घायल की पत्नी ने बताया कि भगवान के रूप में पहुंचे तीनों बच्चे अगर हिम्मत नहीं दिखाते तो मेरे पति की जान भी जा सकती थी। वहीं बच्चों ने बताया कि उन्होंने मोबाइल में देखा था कि दूसरों की मदद करना इंसान का फर्ज होता है। इसी से प्रेरित हो कर उन्होंने घायल को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। बच्चे के इस अद्भुत कारनामे को देखने और सुनने वाले उनकी प्रशंसा करने से नहीं थक रहे।
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