झारखंड सरकार, विदेश राष्ट्रमंडल और ब्रिटिश उच्चायोग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

Ranchi– जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना – मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में झारखंड सरकार,

राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ), ब्रिटिश उच्चायोग के बीच झारखंड में समावेशी,

सुलभ और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मुहैया करवाने को लेकर एमयू पर हस्ताक्षर किया गया.

इस प्रकार शेवनिंग मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत हो गयी.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस एमयू से झारखण्ड में शिक्षा को नई दिशा मिलेगी,

राज्य के एसटी/एससी एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को भी विदेशों में पढ़ाई का अवसर मिलेगा.

जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना : झारखंड के लिए ऐतिहासिक दिन-मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

उन्होंने कहा कि आज का दिन झारखंड के लिए ऐतिहासिक दिन है.

आज हम अपने नई पीढ़ी को शिक्षा की दिशा में नई राह दिखाने जा रहे हैं.

आज ब्रिटिश हाई कमिशन नई दिल्ली के फॉरेन एंड कॉमनवेल्थ डेवलपमेंट ऑफिस

(FCDO) और झारखंड सरकार के बीच ऐतिहासिक एमओयू हुआ है.

शिक्षा मां का वह दूध है जो जितना पिएगा उतना दहाड़ेगा
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उन्होंने कहा कि बड़े बुजुर्गों ने एक कहावत कही है

“शिक्षा वह मां का दूध है जो बच्चा जितना पिएगा वह उतना दहाड़ेगा”.

झारखंड देश का पहला राज्य है जो शिक्षा के स्तर को अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर प्रयासरत है.

यहां के युवा छात्र-छात्राएं बेहतर शिक्षा ग्रहण करें,

इस दिशा में हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.

मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत फर्स्ट फेज में सिर्फ ट्राईबल बच्चे ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु विदेश गए थें.

अब मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है.

अब ट्राइबल समुदाय के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के छात्र भी विदेशों में पढ़ाई कर सकेंगे.

मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की देश और दुनिया में अलग पहचान

उन्होंने कहा कि यूके गवर्नमेंट के प्रतिष्ठित चिभनिंग स्कॉलरशिप के साथ

अब देश और झारखंड की प्रतिष्ठित मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप योजना के साथ

एमओयू के अंतर्गत हर साल युवाओं को विदेश में पढ़ने का मौका मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी स्टेट गवर्नमेंट ने यूके गवर्नमेंट के साथ ऐसा एमओयू किया हो.

सौ साल पहले जयपाल सिंह मुंडा ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में की थी पढ़ाई

उन्होंने कहा कि आज से सौ साल पहले झारखंड से एक ट्राइबल युवा जयपाल सिंह मुंडा ने

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई किया था.

उन्होंने पढ़ने के साथ-साथ हॉकी में ऑक्सफोर्ड ब्लूज टीम की कप्तानी भी की थी.

उनकी नेतृत्व क्षमता को निखारने में इंग्लैंड में ही उन्हें उपयुक्त वातावरण मिला.

यही कारण है आज लोग उन्हें मरांग गोमके के नाम से जानते हैं.

राज्य, देश और दुनिया में जयपाल सिंह मुंडा की अलग पहचान हैं

देश के महान विभूतियों ने की थी विदेश में पढ़ाई

उन्होंने कहा कि हमारे देश की महान विभूतियों महात्मा गांधी,

पंडित नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आदि ने

इंग्लैंड से उच्च शिक्षा लेकर देश को मजबूत नींव और सही दिशा देने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है.

हमारे देश का सशक्त लोकतंत्र और उत्कृष्ट संविधान इन्ही महान विभूतियों की देन है.

झारखंड के युवा बहुत मेहनती और प्रतिभावान होते हैं.

शिक्षा हो, खेल हो या कोई स्किल्ड जॉब,

यहां के युवाओं ने हमेशा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है.

गरीबी युवाओं की प्रतिभा के आड़े न आए इसलिए शुरु की गई जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना

गरीबी युवाओं की प्रतिभा के आड़े न आए इसलिए पिछले वर्ष हमने मरांग गोमके स्कॉलरशिप योजना शुरू की थी.

इस योजना ने युवाओं के सपनों को उड़ान देने का काम किया.

उसी का परिणाम है कि अब हम हर साल 6-7 नहीं बल्कि 20-25 युवाओं को विदेश पढ़ने के लिए  भेज रहे हैं.

इस योजना में वंचित समाज से आने वाले सभी वर्गों के युवाओं को भी जोड़ा गया है.

विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले हमारे युवा झारखंड के सिर्फ स्कॉलर नहीं हैं, यह हमारे यंग एंबेसडर्स भी हैं.

झारखंड के 8 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय मंडल खेलों में जीता मेडल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में झारखंड के सभी आठ खिलाड़ियों ने देश को पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

राज्य का कोई भी खिलाड़ी खाली हाथ नहीं लौटा सभी ने मेडल जीतने का काम कर दिखाया है.

हमारी सरकार युवाओं के इसी पोटेंशियल को नया आयाम देने का काम करते आयी है

उनके सपनों का सम्मान करते आयी है.

राज्य सरकार ने झारखंड के उभरते खिलाड़ियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए नई खेल पॉलिसी बनाने का काम किया है.

खेल पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने का काम किया गया है।

क्लाइमेट चेंज की परिकल्पना में झारखंड की भूमिका अहम

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हेमन्त सोरेन ने कहा कि सतत विकास की दिशा में झारखंड राज्य कई

मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. हमारा राज्य जल-जंगल-जमीन के लिए जाना जाता है.

हमारे राज्य में सोलर एनर्जी और क्लाइमेट चेंज आदि क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ने का बहुत पोटेंशियल है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने पिछले साल ग्लैसगो में क्लाइमेट चेंज के COP 26 (कॉप 26)

अधिवेशन के दौरान 2070 तक नेट कार्बन एमिशन को जीरो करने की देश की प्रतिबद्धता जाहिर की थी.

साथ ही 2030 तक देश की नॉन फॉसल एनर्जी कैपेसिटी को

500 गीगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था.

झारखंड भी उसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने की योजना पर कार्य कर रहा है.

हमारे पूर्वजों के संघर्ष को पूरी दुनिया देख रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि शायद ही यहां बैठे लोग जानते होंगे.

हमारे वीर शहीदों के संघर्ष, हमारे संगठन का संघर्ष, आदिवासी जीवन और

आदरणीय गुरुजी के संघर्ष के बारे में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित म्यूजियम में डिस्प्ले पर रखा गया है.

उस प्रतिष्ठित म्यूजियम के जरिए आज झारखंड और हमारे संगठन का संघर्ष पूरी दुनिया देख रही है.

आज ब्रिटिश हाई कमिशन के साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शुरुआत हो रही है.

हमारी सरकार की कोशिश रहेगी कि

आने वाले समय में अन्य क्षेत्रों में भी हम यूके गवर्नमेंट और

ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ साझा रूप में काम करेंगे और

राज्य को सतत विकास की ओर तेजी से आगे ले जाएंगे।

ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने राज्य सरकार के कार्यों की सराहना की

इस अवसर पर ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयासों की सराहना की.

ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने कहा कि झारखंड में बहुत सुंदर वादियां हैं.

झारखंड में निवेश की काफी संभावनाएं हैं.

यहां निवेश के अनुकूल माहौल तैयार किया गया है.

राज्य सरकार अपनी ओर से निवेशकों को पूरा सपोर्ट दे रही है.

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