राज्यपाल रमेश बैस ने पीएम मोदी और शाह से की मुलाकात, झारखंड में चढ़ा सियासी पारा

राज्य के हालात और सीएम व मंत्रियों पर लगे आरोपों की दी जानकारी

रांची : झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने बुधवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और

गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. और राज्य की वर्तमान हालात व गतिविधियों से अवगत कराया.

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से लगभग आधा घंटा व गृह मंत्री से लगभग 25 मिनट तक बातचीत की.

इस मुलाकात के बाद झारखंड में सियासी हलचल बढ़ गयी है.

इस दौरान उन्होंने भाजपा के पूर्व सीएम रघुवर दास,

प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, बाबूलाल मरांडी व अन्य द्वारा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गलत ढंग से खनिज लीज खरीद मामले की

लिखित शिकायत की जानकारी दी. साथ ही झारखंड उच्च न्यायालय में भी

इस मामले में चल रही सुनवाई से अवगत कराया.

राज्य के राजनीतिक हालातों से कराया अवगत

बता दें, मंगलवार की सुबह राज्यपाल रमेश बैस ने जैसे ही बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी झारखंड की सियासत में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी थी. बुधवार दोपहर झारखंड के राज्यपाल रमेश ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान रमेश बैस ने पीएम मोदी और अमित शाह को राज्य के राजनीतिक हालातों से अवगत कराया.

बीजेपी ने सीएम हेमंत और उनके परिवार पर लगाया है बड़ा आरोप

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर प्रदेश बीजेपी नेताओं द्वारा जो आरोप लगाये गये हैं, उसपर विस्तृत चर्चा हुई. इसके अलावा राज्यपाल ने कानून व्यवस्था से भी केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया. बता दें, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज से जुड़े दस्तावेज चुनाव आयोग को भेज दिया है.

सरकार ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट

राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पत्थर माइनिंग लीज के मामले से जुड़ी रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेज दी है .राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से भेजा गया पत्र निर्वाचन आयोग पहुंच गया है. अब आयोग इस पर आगे की कार्रवाई को लेकर मंथन में जुट गया है. राज्यपाल रमेश बैस ने हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री रहते माइनिंग लीज देने की शिकायत मिलने के बाद निर्वाचन आयोग से संविधान के अनुच्छेद 191 और 192 के तहत राय देने को कहा था. यह मामला लाभ के पद के दायरे में आता है या नहीं, इसके बाद आयोग ने मुख्य सचिव को सीएम हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज लेकर उठे विवाद पर मुख्य सचिव से 15 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा था.

चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार

इस संबंध में निर्वाचन आयोग का पत्र 18 अप्रैल को मिला था. आयोग हेमंत सोरेन को उन पर लगे आरोपों के मद्देनजर जवाब देने का निर्देश देगा. उनका पक्ष सुनने के बाद चुनाव आयोग इस बात का फैसला करेगा कि उन पर लगे आरोप लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 91 के आलोक में विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए पर्याप्त है या नहीं. इस मुद्दे पर चुनाव आयोग का निर्णय अंतिम होगा. इसके बाद चुनाव आयोग अपने फैसले की जानकारी राज्यपाल को देगा. उल्लेखनीय है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए राज्यपाल को शिकायत पत्र सौंपा था.

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