पटना : बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव से महागठबंधन के विधायकों ने छह विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की। राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजद विधायक भाई वीरेंद्र सहित कई नेताओं ने अध्यक्ष से मुलाकात की। बता दें कि दल-बदल कानून के तहत विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर महागठबंधन के कई विधायकों ने आज विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव से मुलाकात की। वहीं इसको लेकर कांग्रेस विधायिका प्रतिमा दास ने कहा कि सभी छह विधायकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, 2024 में जब बिहार में एनडीए का सरकार बना था। जिसमें राजद विधायक प्रहलाद यादव, मोकामा एमएलए नीलम देवी, शिवहर विधायक चेतन आनंद, मोहनिया विधायिका संगीता कुमारी के साथ कॉंग्रेस के दो विधायक शामिल थे।
आपको बता दें कि प्रासंगिक सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक के रूप से स्वेच्छा से दल का त्याग दिया है। जिसकी सूचना एवं तथ्य प्रासंगिक पत्र के माध्यम से भवदीय को बिहार विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के सुसंगत प्रावधानों एवं भारतीय संविधान की अनुसूची-10 के तहत उपरोक्त सभी विधायक विधायिका की सदस्यता निरर्हित करने का अनुरोध किया गया था। लेकिन भवदीय स्तर से संविधान की भावनाओं को नजर अंदाज कर आज तक सदस्यता निरर्हित नहीं किया गया है जो कि भारतीय लोकतंत्र के प्रतिकूल प्रतीत हो रहा है।
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विधायिका संगीता कुमारी स्वेच्छा से भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनोनयन को भी स्वीकार कर चुकी हैं। अतः ऐसी सुस्पष्ट दल विरोधी कृत्य को अविलम्ब संज्ञान लेते हुए 204- मोहनिया (अजा) विधायिका संगीता कुमारी की सदस्यता निरर्हित भारतीय संविधान की अनुसूची-10 के तहत किया जाए। साथ ही 167- सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद बादव, 178- मोकामा विधायिका नीलम देवी एवं 22- शिवहर विधायक चेतन आनंद को भी भारतीय संविधान की अनुसूची-10 के तहत उनकी भी सदस्यता निरर्हित किया जाए। कृपया संविधान की रक्षा हेतु इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट