पटना: मंगलवार को बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के समर्थन में महागठबंधन के विधायक और नेताओं ने राजभवन मार्च किया। मार्च करने वाले सभी विधायक विधानसभा के समीप सप्तमूर्ति से शुरू हुई। मार्च को पुलिस ने निर्वाचन आयोग के कार्यालय के समीप रोक दिया जहां विधायकों के साथ पुलिस की नोकझोंक भी हुई।
बाद में फिर सभी विधायक राजभवन के लिए मार्च शुरू किया और महागठबंधन के विधायकों का जत्था राजभवन पहुंचा। राजभवन में विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन के प्रधान सचिव से मुलाकात की। इस दौरान विधायकों ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। विधायकों ने ज्ञापन में राज्यपाल के नाम सौंपे ज्ञापन में कुछ मांगें भी रखी। विधायकों ने कहा कि सरकार सबसे पहले 70वीं पीटी परीक्षा पूर्ण रूप से रद्द कर दुबारा परीक्षा लेने की घोषणा करे और आंदोलनकारी छात्रों पर लाठी चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करे। जिन छात्रों को गिरफ्तार किया गया है या उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है उन्हें रिहा करते हुए मुकदमे वापस लिए जाएं।
हाल ही में आत्महत्या करने वाले छात्र सोनू के परिजनों को सरकार उअव्जा दे और पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने प्रदर्शन के दौरान पुलिस के अपमानजनक रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लगता है दमन के मामले में नीतीश कुमार अब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं। बिहार के छात्र –युवा भाजपा – जदयू सरकार की और तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसकी कीमत इस सरकार को चुकानी होगी।
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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट
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