गरीबों के दस्तावेज बेचकर शेल कंपनियां खोलकर GST और आयकर चोरी के मामले में आम जनमत पार्टी के खिलाफ झारखंड आयकर जांच।
रांची: झारखंड आयकर विभाग की अनुसंधान शाखा ने गरीबों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर शेल कंपनियां खोलने और टैक्स चोरी करने के मामले में अहम जानकारी जुटाई है।
जांच में पता चला कि गुजरात की आम जनमत पार्टी ने गरीबों के आधार और पहचान दस्तावेज 10-10 हजार रुपये में खरीदकर उनके नाम पर शेल कंपनियां खोली। इन कंपनियों के माध्यम से राजनीतिक खर्च के नाम पर लगभग 500 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए और बाद में नकद निकासी की गई। पार्टी ने अपना कमीशन काटने के बाद चंदा देने वालों की राशि लौटा दी।
Key Highlights:
झारखंड आयकर अनुसंधान शाखा ने 25 से अधिक शेल कंपनियों की जानकारी जुटाई
आम जनमत पार्टी ने गरीबों के दस्तावेज 10-10 हजार रुपये में खरीदकर उनके नाम पर कंपनियां खोली
शेल कंपनियों के माध्यम से राजनीतिक खर्च के नाम पर 500 करोड़ रुपये ट्रांसफर
कंपनी मालिकों ने स्वीकार किया कि आधार और बैंक अकाउंट के जरिए कंपनियां बनाई गईं
जांच जारी, 40,000 युवा प्रोफेशनल्स शामिल होने का दावा
शेल कंपनियों और मालिकों की जानकारी
जांच में अवान इंटरप्राइजेज, रामदेव इंटरप्राइजेज सहित अन्य कंपनियों के नाम सामने आए।
इन कंपनियों के मालिकों ने स्वीकार किया कि गरीबी के कारण उन्होंने दस्तावेज बेच दिए।
बैंक अकाउंट और नया सिम कार्ड बनवाकर कंपनी बनाई गई। इसके एवज में उन्हें पार्टी से हर महीने 10,000 रुपये मिलते थे।
झारखंड और बिहार के लगभग 500 युवा प्रोफेशनल्स और देश के अन्य हिस्सों से कुल 40,000 युवाओं ने इस स्कीम में शामिल होकर 1200 करोड़ रुपये का चंदा आम जनमत पार्टी को दिया। आयकर विभाग की जांच फिलहाल जारी है और अगले सप्ताह और गहन कार्रवाई की संभावना है।
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