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Gumla: जिले के रायडीह प्रखंड में नवजात बच्चों की खरीद-बिक्री का मामला सामने आया है। पिछले 15 दिनों में 2 नवजात बच्चों को नकद पैसे के एवज में बेचा गया। आरोप है कि यह धंधा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायडीह से जुड़ी बीटीटी सुमन कुजूर के माध्यम से किया गया। जिसने दंपतियों को बहला-फुसलाकर उनके नवजात बच्चों को गोद लेने के नाम पर खरीदने वालों को सौंप दिया।
नवजात बच्चों की खरीद-बिक्री – पहला मामला:
कुडोछतरपुर पंचायत क्षेत्र के रायडीह राजस्व ग्राम की सुमन एक्का (धात्री महिला) ने 10 सितंबर की सुबह प्रसव किया। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद बीटीटी सुमन कुजूर ने दंपति को नवजात को गोद देने के लिए लुभाया। दंपति ने सहमति दे दी क्योंकि उनके पहले से तीन बच्चे हैं। बीटीटी ने नवजात बच्चे को खरीदने वाले पक्ष से संपर्क किया और उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुलाया। 12 सितंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद दंपति को एक लाख रुपये देकर नवजात बच्चा उनके पास से ले लिया गया।
नवजात बच्चों की खरीद-बिक्री – दूसरा मामला:
एक अन्य मामले में, सहिया पार्वती देवी ने बताया कि उनके रिश्तेदार को बच्चे की आवश्यकता थी। बीटीटी ने उन्हें छत्तीसगढ़ से एक नवजात बच्चे लाने के लिए कहा। 23 सितंबर को बीटीटी ने छत्तीसगढ़ के एक हॉस्पिटल से नवजात बच्चे को रायडीह लाया। इसके बाद सहिया ने बच्चे को अपने रिश्तेदार को सौंपा और 90,000 रुपये नगद लिया। जबकि 10,000 रुपये बीटीटी के खाते में गए। बीटीटी ने मामले में दावा किया कि उसने बच्चों के एवज में कोई रुपया नहीं लिया।
नवजात बच्चों की खरीद-बिक्री – जांच में जुटे अधिकारी :
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायडीह के प्रभारी चिकित्सक डॉ. राजीव कुमार ने पुष्टि की कि 10 सितंबर को सुमन एक्का अस्पताल में भर्ती हुई थीं। गुमला सदर अस्पताल के सिविल सर्जन शंभू नाथ चौधरी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और इसकी गंभीर जांच कराई जाएगी।
रिपोर्टः अमित राज