घाघरा/ गुमला: प्रखंड क्षेत्र के देवाकी कुसुमटोली गांव में लगभग डेढ़ दर्जन लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। कई लोगों की तो हालत इतनी खराब हो गई है कि रात में आनन-फानन में लोहरदगा और गुमला के स्वास्थय केंद्र पहुंचाना पड़ा। यहां तक की रांची के निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज उनके परिजन करा रहें हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि एक सप्ताह पूर्व एक महिला में हैजा के लक्षण मिले और इसके बाद फिर तेजी से गांव में यह बीमारी फैलता जा रहा है। अभी तो आलम यह है कि डेढ़ वर्ष की बच्ची समेत करीब 16 लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं। जिसमें कुछ लोग अस्पतालों में इलाज कर रहे हैं, और कुछ तो आर्थिक तंगी के कारण घर पर ही झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे इलाज कराने को मजबूर हैं।
इतनी तेजी से कुसुमटोली गांव में फैल रही हैजा बीमारी के मरीज का हाल जानना भी घाघरा स्वास्थ कर्मी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। उनकी सूध लेने वाला कोई भी नहीं है। ज्यादातर मरीज भगवान भरोसे ही लोकल दवा लेकर स्वस्थ होने की आस में पड़े हुए हैं।
बीडीयो दिनेश कुमार ने कहा कि कुसुमटोली गांव के हालात की जानकारी मिली है। जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग के टीम को गांव में कैंप करने का निर्देश दिया जायेगा। जब तक गांव की स्थिति सामान्य ना हो जाए, तब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पर कैंप करेगी। वहीं डायरिया फैलने के कारणों को गांव में जाकर पता किया जाएगा और स्वच्छ पानी, साफ-सफाई सहित मूलभूत सुविधा मुहैया करायी जाएगी।
रिपोर्टः अमित राज