दरभंगा : दरभंगा जिले के हायाघाट में जहरीले शराब पीने से हुए तीन लोगों की मौत को लेकर बिहार में सियासत तेज है। इस बीच शोकाकुल परिवार से विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी मिलने पहुंचे जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय का भरोसा दिलाया। वहीं मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह है फेल है। हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ शराबबंदी का ढोल पीटकर अपना पीठ थपथपाते हैं। वो समझते है कि शराबबंदी करके बहुत बड़ा काम कर दिए हैं। लेकिन जब आप शराबबंदी के काम किए हैं, तो ये कैसा शराबबंदी है।
दरभंगा जिला के हायाघाट में एक साथ पांच लोग शराब पीते है और पांचों की हालत नाजुक हो जाती है। जिसमें से तीन की मौत भी हो जाती है। सोमवार को यहां आए डीएमसीएच में उन्हें पुलिस के संरक्षण में उठा कर ले जाया जाता है और उनकी मौत हो गई। वहीं उन्होंने कहा कि गांव में दो लोगों की मौत होती है और संस्कार कर दिया जाता है। यह कहकर की यह शराब का मामला नहीं है जो मरीज यहां भर्ती हैं उनके प्रिस्क्रिप्शन पर भी लिखा गया है। उसके बाद भी सरकार के मुलाजिमों के द्वारा इस तरह की बात कही जाती है।
उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सरकार पुलिस को सहयोग और पुलिस सरकार को सहयोग से गरीब की जान जा रही है। नीतीश कुमार परोक्ष रूप से और सरकार भी इस बात से लाभान्वित हो रही है। अगर सरकार इस चीज से लाभान्वित नहीं होते तो यह शराब बिहार में बंद क्यों नहीं हो रहा है। कहीं ना कहीं इस मामले में सभी जानते हैं कि इसमें सरकार की संलिप्त है। इसमें कुछ उनके नेतागण का भी नाम आया लेकिन उन पर कोई कार्रवाई हुई। कार्रवाई हुई सिर्फ पीने वाले पर हुई और पीड़ित परिवारों को दंश झेलना पड़ रहा है। लेकिन सरकार आनंद में है।
बताते चले कि दरभंगा जिले के हायाघाट प्रखंड के मकसूदपुर गांव में शराब पीने से अबतक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जैसे ही शराब पीने से मौत की खबर विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष को लगी। वैसे ही वो डीएमसीएच के पोस्टमार्टम पहुंचकर शोकाकुल परिवार से मुलाकात किया। वहीं शोकाकुल परिवार नेता प्रतिपक्ष के सीने से लिपटकर रोने लगे और न्याय की मांग करने लगे। वहीं दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हमलोग इस मामले को लेकर अनुसंधान कर रहे हैं। किसी प्रकार की पुष्टि या खंडन करना संभव नहीं है। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है।
रवि झा की रिपोर्ट