रांची: ईडी ने हवाला मामले में बांग्लादेशी नागरिकों रोनी मंडल और समीर चौधरी की गिरफ्तारी के बाद उनके बैंक खातों की गहन जांच शुरू कर दी है। रोनी मंडल, जो उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में रहता है, ने अपनी बहन, बहनोई और भतीजे के बैंक खातों का इस्तेमाल करते हुए बड़े पैमाने पर लेनदेन किया।
ईडी को संदेह है कि मंडल के प्रभावशाली राजनीतिक संपर्कों ने उसे बांग्लादेशी नागरिक होने के बावजूद बैरकपुर नगर पालिका से व्यापार लाइसेंस प्राप्त करने में मदद की। यह लाइसेंस उसे शहरी नागरिक निकाय के अनुबंध कार्यों के लिए दिया गया था।
ईडी के सूत्रों ने बताया कि बैंक खातों की जांच से हवाला नेटवर्क में शामिल प्रभावशाली लोगों की पहचान में मदद मिलेगी। इस मामले में रोनी और समीर के अलावा पिंटू हलदर और पिंकी बसु को भी गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को ईडी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की मदद से बंगाल और झारखंड में फैले हवाला घोटाले के सिलसिले में 12 स्थानों पर छापेमारी की। इनमें उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम में एक महिला का घर भी शामिल था, जिसके खिलाफ रांची में मामला दर्ज है।
जांच में यह भी सामने आया कि इस महिला ने बांग्लादेश से अन्य महिलाओं को रोजगार का झांसा देकर भारत लाया और उन्हें हवाला रैकेट में शामिल किया। इन महिलाओं को फर्जी आधार कार्ड दिए गए, जिन पर हिंदू नाम अंकित थे।
कुछ बांग्लादेशी महिलाएं रांची पहुंचने में सफल रहीं और वहां स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। हवाला कारोबार धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आता है। इस कारण, ईडी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआइआर) दर्ज कर मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। ईडी का मानना है कि यह रैकेट बंगाल और झारखंड के अलावा बांग्लादेश से भी जुड़ा है। जांच अधिकारियों को उम्मीद है कि पैसे के लेनदेन और नेटवर्क के अन्य पहलुओं की गहराई से पड़ताल करने पर इस अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क के मास्टरमाइंड का पर्दाफाश होगा।