Hazaribagh : हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल और बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोशन लाल चौधरी को सोमवार को उस वक्त पुलिस ने सीकरी थाना क्षेत्र में रोक लिया, जब वे केरेडारी प्रखंड के बेलतू गांव जाने की कोशिश कर रहे थे। दोनों जनप्रतिनिधियों को स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा हिरासत में लेकर थाना परिसर में नजरबंद कर दिया गया। प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए उन्हें आगे बढ़ने से मना किया।
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दो समुदायों के बीच झंडा विवाद
दरअसल, बेलतू गांव में दो समुदायों के बीच झंडा लगाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पिछले दो दिनों से गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है और स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। हालाँकि, आश्चर्यजनक रूप से धारा 144 के तहत आम जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों के जाने पर भी रोक लगा दी गई है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
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Hazaribagh : हमे रोकना दुर्भाग्यपूर्ण-सांसद मनीष जायसवाल


सांसद मनीष जायसवाल ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि वे और विधायक रोशन लाल इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहते थे और इसलिए वे स्थल पर जा रहे थे। उन्होंने कहा, “हम जनप्रतिनिधि हैं, हमारा दायित्व है कि हम अपने क्षेत्र में हो रहे विवाद को समझें और प्रशासन को निष्पक्ष समाधान में मदद करें। हमें रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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उन्होंने आगे जिला प्रशासन से अपील की कि मामले का निष्पक्ष समाधान हो और किसी भी प्रकार की “बदले की भावना” से कार्रवाई न की जाए। जायसवाल ने कहा कि “किसी की दुकान या मकान को बिना जांच तोड़ा न जाए। साथ ही, जो झंडा विवाद का कारण बना है, उसे तत्काल हटाया जाए और पूरे मामले को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल किया जाए।
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दिया गया 144 का हवाला
बेलतू गांव, जो केरेडारी थाना क्षेत्र में आता है, हजारीबाग लोकसभा और बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। ऐसे में सांसद और विधायक दोनों ही इस इलाके के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। बावजूद इसके, उन्हें मौके पर जाने से रोक दिया गया, जिससे स्थानीय स्तर पर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल है।
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घटना के बाद से सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है। कई लोगों ने जनप्रतिनिधियों को रोकने के प्रशासनिक कदम की आलोचना की है, तो कुछ ने कानून-व्यवस्था की मजबूरी का समर्थन किया है। फिलहाल, प्रशासन पूरे मामले को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। ऐसे में क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है और सभी की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
शशांक शेखर की रिपोर्ट–
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