Hazaribagh: भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ ने शाहिद कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी की आत्मा की शांति के लिए अंतिम अरदास में हिस्सा लेने के लिए हजारीबाग पहुंचे। उन्होंने इस दौरान कहा कि उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। सर्वोच्च बलिदान पर पूरा देश उन्हें नमन करता है। इस दौरान संजय सेठ भावुक भी हो गए। उनकी माता ने कहा कि अब वह वीर की मां कहलाएंगी।
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Hazaribagh: अंतिम अरदास में हिस्सा लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री
शाहिद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी की शहादत को लेकर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। आत्मा की शांति के लिए पिछले तीन दिनों से उनके आवास पर हो रहा पाठ सोमवार को समाप्त हो गया। अंतिम अरदास में हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ हजारीबाग (Hazaribagh) के गुरुद्वारा पहुंचे। उन्होंने शाहिद के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पूरा देश आपका परिवार है। कैप्टन की शहादत बेकार नहीं जाएगी। मां भारती की सेवा और तिरंगा के खातिर उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। देश उन्हें हमेशा याद रखेगा।
वहीं जब संजय सेठ से पूछा गया कि पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ सही समय जवाब देने का आ गया है, इस पर उन्होंने कहा कि देश सुरक्षित हाथों में है। इस पर गौर किया जाएगा।
Hazaribagh: आईईडी की चपेट में आने से शहीद
जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास 11 फरवरी को हुए आईईडी धमाके में सेना के एक कैप्टन समेत दो जवान शहीद हो गए। उनमें शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी उर्फ पुनीत भी थे। करमजीत हजारीबाग के जुलू पार्क के रहने वाले थे। वे अजिनदर सिंह बक्शी और नीलू बक्शी के एकलौते पुत्र थे। सैन्य अधिकारियों के अनुसार, पेट्रोलिंग के दौरान आतंकियों के द्वारा बिछाई गई आईईडी की चपेट में आने से वे शहीद हो गए।
शशांक शेखर की रिपोर्ट