Hazaribagh: हजारीबाग की रामनवमी बेहद खास है। इसका इतिहास भी 100 साल पुराना है। यही कारण है कि समाज का हर एक तबका अपनी ओर से कुछ ना कुछ ऐसा अवश्य करना चाहता है, जिससे रामनवमी में उसकी भी चर्चा हो। इस कड़ी में हजारीबाग के कलाकार टिंकू ने हनुमान जी की विशाल रंगोली बनाई है। उन्होंने नूरा स्थित मंदिर में उसने अपनी कलाकृति उकेरी है, जिसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं। यह रंगोली हजारीबाग में खूब सुर्खियां बटोर रही है।
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Hazaribagh: रंगोली बनाने में एक सप्ताह से अधिक समय लगा
बताया जा रहा है कि उसे यह रंगोली तैयार करने में एक सप्ताह से अधिक का समय लगा है। उसने रंगोली बनाने के लिए मार्बल डस्ट का उपयोग किया है। इसके पहले भी टिंकू ने विभिन्न अवसरों पर अपनी कलाकृति के जरिए कला जगत में अपनी छाप छोड़ी है। टिंकू भी हजारीबाग का रहने वाला है। ऐसे में उसकी चाहत है कि वह भी कुछ ऐसा करें जिससे उसका भी इस पर्व में सहभागिता हो।
बाल कलाकार टिंकू का कहना है कि पिछले दिनों घर में बैठे-बैठे ख्याल आया कि क्यों ना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव पर भगवान राम के परम भक्त वीर हनुमान की रंगोली बनाई जाए। जैसे ही मन में यह बातें आई तो उसने तैयारी शुरू कर दी। दिन में 4 से 5 घंटे का समय रंगोली बनाने में दिया। मार्बल डस्ट से रंगोली तैयार की गई।
Hazaribagh: रंगोली के जरिए ये संदेश
उन्होंने कहा कि इसमें एक स्लोगन भी दिया है कि बाटोगे तो काटोगे। दरअसल, इसके जरिए वह पूरे भारतवासियों को संदेश देना चाहता है कि भारतीय आपसी एकता के सूत्र में बंधे रहे। भारतीय एक नहीं रहेंगे तो दूसरा देश इसका नाजायज फायदा उठाएगा। इसका खामियाजा हर एक भारतीयों को उठाना होगा। इस कारण हर एक भारतवासियों को एक रहने की जरूरत है।
Hazaribagh: नानी के घर में रहकर पढ़ाई करता है
टिंकू हजारीबाग के नूरा में रहता है। इसके माता-पिता काफी गरीब हैं। वह अपनी नानी घर में रहकर पढ़ाई के साथ-साथ पेंटिंग करता है। उसकी पेंटिंग की तारीफ सोनू सूद तक कर चुके हैं। जिला के जिला प्रशासन पदाधिकारी भी उसकी पेंटिंग के मुरीद हैं। यही कारण है कि उसने हजारीबाग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
शशांक शेखर की रिपोर्ट