भागलपुर : बिहार सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लाख दावे करे, इसके लिए करोड़ों रुपये बजट में पास होते हैं। लेकिन बड़े-बड़े अस्पतालों में व्यवस्था इतनी लचर है कि आप माथा पकड़ लेंगे। बात भागलपुर में पूर्वी बिहार के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज अस्पताल (JLNMCH) की है जहां स्वास्थ्य व्यवस्था ईंट से लटकी हुई है। एक मरीज दो महीने से ऑपरेशन के इंतजार में है। वहीं दूसरे के पैर में स्टील को नट बोल्ट लगा बैंडेज के जरिए ईंट से बांध दिया गया है।
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जानकारी मिलती है कि एनेस्थीसिया वाले डॉक्टर ही नहीं है
हाल तो ये है कि एक मरीज दो डॉक्टरों की लड़ाई में दो महीने से अस्पताल में भर्ती है। उनके रीढ़ की हड्डी में समस्या के बाद ऑपरेशन होना था। लेकिन हड्डी विभाग के एचओडी कन्हैया लाल गुप्ता व एनेस्थेटिक डॉक्टर जितेंद्र के बीच वीवाद हो गया। जिससे उनका ऑपरेशन नहीं हो सका। मरीज के परिजन बताते हैं कि इन्हें दो बार ऑपरेशन थिएटर तक ले जाया गया लेकिन फिर वहां से लौटा दिया गया। जानकारी मिलती है कि एनेस्थीसिया वाले डॉक्टर ही नहीं है।
ठेकिया देवी एक महीने से वो भर्ती हैं लेकिन उनका इलाज पूरा नहीं हो पाया है
बता दें कि पीरपैंती के बाराहाट से आई ठेकिया देवी के पैर की हड्डी टूट जाने के बाद उन्हें जेएलएनएमसीएच के हड्डी विभाग में भर्ती कराया गया था। यहां उनके पैर में स्टील लगाया गया। जिसे ईंट के सहारे लटका दिया गया। ठेकिया देवी की परिजन बताती है कि डॉक्टर व अस्पताल के कर्मियों ने उन्हें कहा था कि ईंट लाकर लटका दे। तब वह बाहर से खोजकर लाकर लटकाई थी। एक महीने से वो भर्ती है लेकिन उनका इलाज पूरा नहीं हो पाया है।
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प्रमिला देवी डॉक्टर और एनेस्थेटिक के विवाद में पीस रही है
दूसरी ओर उनके ही बगल वाले बेड पर भर्ती पीरपैंती में मथुरापुर की प्रमिला देवी डॉक्टर और एनेस्थेटिक के विवाद में पीस रही है। दो महीने से वह भर्ती है दो बार ऑपरेशन के लिए ले जाया गया फिर ऑपरेशन थियेटर से लौटा दिया गया। कारण की हड्डी विभाग के विभागाध्यक्ष और एनेस्थेटिक के बीच विवाद हो गया है। अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर हेमशंकर शर्मा ने फोन पर ही बताया कि उन्होंने अगले दिन आकर मिलने की बात कही। उन्होंने बताया कि महिला का ऑपेरशन रुका है उसमें शोकॉज नोटिस दिया गया है, यह गलत है। वहीं ईंट मामले पर कहा कि यह भी गलत है। ऐसे नहीं होना चाहिए। इंट लटकाया गया, वहां वेट लटकाना चाहिए, इस पर एक्शन लेंगे।
क्या JLNMCH में उपकरणों के लिए व्यवस्थाओं को बढ़ाने के लिए पैसे नहीं मिलते ?
अब सवाल है कि क्या जेएलएनएमसीएच में उपकरणों के लिए व्यवस्थाओं को बढ़ाने के लिए पैसे नहीं मिलते। अगर पैसे मिलते हैं तो उसे कहां खर्च किया जाता है। सवाल है कि क्या डॉक्टर यहां विवाद पैदा कर मरीजों को परेशान करने आते हैं। क्या गरीब लोगों को छोटे से ऑपरेशन के लिए भी दो ढाई महीने इंतज़ार करवाया जाएगा। लापरवाहों पर कार्रवाई कब होगी।
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राजीव ठाकुर की रिपोर्ट