रांची : छठी जेपीएससी नियुक्ति को लेकर झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी पर सुनवाई हुई.
जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ में सुनवाई के
दौरान प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी कर ली गई.
अब 26 जुलाई को प्रतिवादियों की ओर से बहस की जाएगी.
सभी चयनित अभ्यर्थी वर्तमान में कर रहे नौकरी
इस बीच राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर कहा गया कि
संशोधित परिमाण के बाद बाहर हुए 60 नौकरी करने वालों को समायोजित नहीं किया जा सकता है.
राज्य सरकार के पास वर्ष 2021 में मात्र 38 पद ही रिक्त हैं. ऐसे में 60 लोगों को समायोजित करना असंभव है. इस संबंध में वरुण कुमार और कीर्ति कुजूर सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है. सभी चयनित अभ्यर्थी हैं, जो वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं.
26 जुलाई को होगी सुनवाई
सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता पीएस पटवालिया और प्रशांत भूषण ने पक्ष रखते हुए कहा कि हाई कोर्ट का आदेश गलत है. विज्ञापन की शर्तों के अनुसार क्वालिफाइंग पेपर का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है. उनकी ओर से बहस पूरी कर ली गई. अब इस मामले में प्रतिवादियों की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अमृतांश वत्स पक्ष रखेंगे. मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.
छठी जेपीएससी के संशोधित परिणाम में 60 नए अभ्यर्थी हुए चयनित
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के तहत छठी जेपीएससी का संशोधित परिणाम जारी कर दिया गया है. इसमें 60 नए अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. जेपीएससी परीक्षा के तहत 326 अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है. झारखंड हाई कोर्ट की खंडपीठ ने माना था कि मेरिट लिस्ट संशोधित करने का एकलपीठ का आदेश बिल्कुल सही है. अदालत ने प्रार्थियों के अपील को खारिज कर दिया था.
खंडपीठ के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई एसएलपी
सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने भी एकल पीठ के आदेश को सही माना था. इस मामले में सरकार ने अपील भी दाखिल नहीं की थी. जेपीएससी ने कोर्ट के आदेश के तहत संशोधित मेरिट लिस्ट जारी किया है. हाई कोर्ट के एकल पीठ ने सात जून 2021 को छठी जेपीएससी के मेरिट लिस्ट को रद करते हुए संशोधित मेरिट लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था. खंडपीठ के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है.
रिपोर्ट: प्रोजेश दास