Ranchi-सीएम हेमंत सोरेन से जुड़ा लीज आवंटन मामला और उनके भाई बसंत सोरेन के करीबियों द्वारा मुखौटा कंपनियों में निवेश करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और सीएम हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की है.
याचिका में हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत झारखंड हाईकोर्ट ने इससे संबंधित याचिका को सुनवाई योग्य माना है.
इस संबंध में प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने अलग-अलग याचिका दाखिल कर हेमंत सोरेन
और उनके भाई बसंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
प्रार्थी ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
लीज आंवटन मामले में शुक्रवार को हाई कोर्ट में होनी है सुनवाई
इधर शुक्रवार यानी 29 जुलाई को इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.
जबकि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच में होनी है.
इस मामले को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
जिसमें यह निर्धारित की जानी है कि यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं.
यहां यह भी बतला दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते हुए रांची में एक खनन पट्टा लेने का मामला है,
भाजपा इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 1955 का ए-9 का उल्लंधन मानती है,
जबकि झामुमो का दावा है कि यह किसी भी प्रकार से जनप्रतिनिधित्व की धारा ए-9 का उल्लंघन नहीं है.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस खनन पट्टे को सरेंडर कर दिया गया है.
हेमंत सोरेन से जुड़ी शेल कंपनी मामले में सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को सुनवाई