रांची : झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डा एसएन प्रसाद की अदालत में पारा शिक्षकों के सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सभी पक्षों की बहस पूरी करने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इस संबंध में पारसनाथ मंडल सहित 78 याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि यह मामला वैसे अभ्यर्थियों का है, जो पारा शिक्षक होते हुए गैर पारा शिक्षक कैटेगरी में सहायक शिक्षक की नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था. सरकार की नियमावली के अनुसार 50 प्रतिशत पारा शिक्षक और 50 प्रतिशत सीट गैर पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित किया गया.
सरकार की ओर से आरंभिक तौर पर इन अभ्यर्थियों को इस आधार पर नियुक्ति नहीं दी गई कि वे पारा शिक्षक थे, लेकिन इन्होंने गैर पारा शिक्षक की श्रेणी में आवेदन दिया था. पूर्व में कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि जब नियमावली अथवा विज्ञापन में 50-50 प्रतिशत वाली शर्त नहीं थी, तो गैर पारा शिक्षक की श्रेणी में आवेदन देने वाले को चयन प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता है. वर्ष 2018 में हुए आदेश के बाद सरकार ने संबंधित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए प्रकिया का निर्धारण किया.
दो मई 2019 को सरकार की ओर से एक आमसूचना जारी की गई. इसमें कहा गया था कि सिर्फ वैसे अभ्यर्थी चयन के योग्य होंगे जिनको हाईकोर्ट के आदेश प्राप्त है. इसके बाद भी हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई. इस पर 15 मई 2019 को एकल पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि न सिर्फ प्रार्थी बल्कि अन्य सामान्य अभ्यर्थियों को पूर्व में दिए गए कोर्ट के आदेश का लाभ मिलेगा. इस दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार द्वारा लिया गया निर्णय बिल्कुल सही है. इसलिए प्रार्थियों को नियुक्ति के मामले में कोई राहत नहीं दी जा सकती है. सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
रिपोर्ट : प्रोजेश दास
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