झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश कुमार और वकील महेश तिवारी विवाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक स्थगित। वकील पर अवमानना का आरोप लंबित।
रांची. झारखंड हाईकोर्ट की पांच जजों की वृहद पीठ ने जस्टिस राजेश कुमार और अधिवक्ता महेश तिवारी से जुड़े विवाद मामले में मंगलवार को सुनवाई की। अदालत को बताया गया कि अधिवक्ता महेश तिवारी ने हाईकोर्ट के पिछले आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
इस जानकारी के बाद पीठ ने कहा कि अब इस मामले में अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के बाद ही की जाएगी। मौजूदा स्थिति में हाईकोर्ट ने सुनवाई आगे बढ़ाने से इनकार किया है।
Key Highlights
• जस्टिस राजेश कुमार और वकील महेश तिवारी विवाद मामले की सुनवाई वृहद पीठ में हुई
• महेश तिवारी ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
• सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक अगली सुनवाई स्थगित
• पांच जजों की पीठ ने तिवारी पर आपराधिक अवमानना का आरोप तय किया
• लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान हुई नोक-झोंक का वीडियो हुआ था वायरल
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस आर मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस राजेश शंकर की वृहद पीठ ने इससे पहले महेश तिवारी के खिलाफ आपराधिक अवमानना का आरोप तय किया था। अदालत ने उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा था, लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई जवाब दाखिल नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ में एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस राजेश कुमार और अधिवक्ता महेश तिवारी के बीच तीखी नोक-झोंक हुई थी। यह घटनाक्रम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग में रिकॉर्ड हुआ और बाद में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने निर्णय लिया कि इस विवाद पर पांच जजों की वृहद पीठ आपराधिक अवमानना का मामला सुनेगी।
Highlights

