डिजीटल डेस्क : Jhansi अग्निकांड में लापता 6 नवजातों का सुराग नहीं, हेल्पलाइन नंबर जारी। यूपी के Jhansi के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में बीते शुक्रवार की रात भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई।
जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल की गाड़ियों ने आग बुझाने में मदद कीं।
10 नवजातों की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया और बाद में उपचार के भर्ती के नवजातों में से 6 का कोई सुराग नहीं मिलने शनिवार दोपहर तक अफरातफरी मची हुई है। परेशान माता-पिता और परिवारीजन अपने बच्चों के बारे में जानकारी पाने को हायतौबा मचाए हुए हैं।
लापता नवजातों पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं…
Jhansi मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू में भर्ती 6 नवजात लापता हैं, जिनके बारे में किसी के भी पास कोई संतोषजनक जबाव नहीं है। लोग इसलिए भी ज्यादा परेशान हैं क्योंकि उन्हें पता ही नहीं है कि उनका बच्चा सुरक्षित है भी या नहीं। हादसे के बाद से 6 मासूमों का पता नहीं चल रहा और कोई इस पर कोई संतोषजनक उत्तर भी नहीं दे रहा।
परिजनों का रो-रो का बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि जब बच्चे एसएनसीयू में भर्ती थे तो वहां से कहां चले गए? कोई भी कुछ नहीं बता रहा है। इससे मरने वाले नवजात शिशुओं का आंकड़ा बढ़ सकता है।
उधर, ये जानकारी भी सामने आई है कि छह बच्चे वार्ड में सुरक्षित हैं, इनके मां-बाप का पता नहीं है जबकि दस बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है। 7 बच्चों का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और एक को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
Jhansi कांड में लापता 6 नवजातों के लिए जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर 9454417618
Jhansi मेडिकल कॉलेज ने गायब बच्चों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9454417618 जारी किया गया है। प्रशासन ने Jhansi मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में जांच के लिए 6 डॉक्टरों का विशेष पैनल गठित किया है।
इन शिशुओं के पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमार्टम हाउस के बाहर एसपी सिटी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, करीब 10 घंटे से अधिक का समय बीतने के बाद भी प्रशासन ने हादसे का शिकार हुए और लापता नवजात शिशुओं की कोई भी सूची जारी नहीं की है।
वहीं, मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के बाहर महिला संध्या ने बताया कि उसका 12 दिन का बेटा, बंगरा की कविता का 15 दिन का बेटा, जालौन की संतोषी का एक दिन का बेटा, कबरई महोबा की नीलू का 9 दिन का बेटा, फुलवारा ललितपुर की संजना का 29 दिन का बेटा और राजगढ़ की नैंसी का बेटा नहीं मिल रहा है।
एसएनसीयू वार्ड में 55 बच्चे भर्ती थे, शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में लगी थी आग…
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बीते शुक्रवार रात करीब 10 बजे वार्ड से धुआं निकलता दिखा। वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया। जब तक कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को अपनी जद में ले लिया। वहां भगदड़ मच गई।
नवजातों को बाहर निकालने की कोशिश हुई, पर धुआं एवं दरवाजे पर आग की लपट होने से नवजात समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर शिशुओं को बाहर निकाला जा सका।
सीएमएस डॉ. सचिन माहूर के मुताबिक, शार्ट सर्किट से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में आग लग गई। देखते ही देखते आग की चपेट में पूरा वार्ड आया गया, जिससे वार्ड में भगदड़ मच गई। मौजूद स्टाफ व परिजन नवजातों को लेकर बाहर की ओर भागे।
झांसी के कमिश्नर बिमल कुमार दुबे ने बताया कि आग की चपेट में आने से 10 बच्चों की मौत हो गई है जबकि, वार्ड में लगभग 54-55 बच्चे भर्ती थे। बाकी बचाए गए बच्चों का इलाज जारी है।
मौके पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, हादसे पर जताया गहरा अफसोस….
मौके पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि फरवरी 2024 में मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी की व्यवस्थाएं देखी गई थी। जून में ट्रायल भी किया गया था, मगर अफसोस की बात यह है कि एसएनसीयू में शुक्रवार की रात आग लगने की घटना हुई और 10 नवजात शिशुओं ने जलने से दम तोड़ दिया। यहां पर आग से बचाव के लिए लगे फायर इस्टिंगयुशर गवाही दे रहे हैं कि कोई दो साल पहले तो कोई एक साल पहले अपनी उम्र पूरी कर चुका था। जिसकी वजह से आग बुझाने में नाकाम साबित हुआ।