रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने हजारीबाग के माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की मौत की जांच के लिए झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारियों से कराने का आदेश दिया है। यह जांच अब फिर से आरंभ होगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने इस आदेश को जारी किया है।
मृतक के परिजन राजेश माहेश्वरी ने हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए नए तरीके से CID, डीजीपी, और प्रिंसिपल सेक्रेटरी को जिम्मेदार बनाया है।
उम्मीद है कि इससे जल्द ही स्पष्ट होगा कि क्या माहेश्वरी परिवार ने आत्महत्या की थी या क्या कोई और वजह थी छह सदस्यों की मौत के पीछे।
माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की मौत
2018 में हजारीबाग के खजांची तालाब के पास स्थित सीडीएम शुभम अपार्टमेंट के तीसरे तल्ले के कमरे में माहेश्वरी परिवार के छह लोगों की मौत हो गई थी। मौत हुई लोगों में परिवार के मुखिया महावीर अग्रवाल, पत्नी किरण अग्रवाल, उनका बेटा नरेश माहेश्वरी, बहू प्रीति अग्रवाल, पोता अमन अग्रवाल और पोती अन्वी उर्फ परी अग्रवाल शामिल थे।
इनमें महावीर अग्रवाल का शव बेडरूम के पंखे से लटका मिला था। नरेश अग्रवाल का शव अपार्टमेंट के बाहर नीचे गिरा पड़ा था, जिसका हाथ और पैर टूटे हुए थे। किरण अग्रवाल का गला कटा था और उनका शव बिस्तर पर पड़ा था। प्रीति अग्रवाल का शव पंखे से लटका मिला था। पोता अमन फांसी पर लटका पाया गया था और पोती अन्वी का शव सोफा पर था। CID ने इस मामले की जांच करने के बाद इसे आत्महत्या के तौर पर दर्ज किया है।