पटना : बोरिंग रोड चौराहा के समीप स्थित ज्योतिपुंज हॉस्पिटल में गयाजी की रहने वाली 29 साल की सुनीता (नाम परिवर्त्तित) बच्चेदानी में गांठ से मां बनने की उम्मीद खो चुकी थी। पर डॉ. शिप्रा सिंह ने दो किलो से अधिक की गांठ की सर्जरी कर महिला को मां बनने की उम्मीद जगाए रखी है। पति राजकुमार यादव ने बताया कि हमलोग निराश हो चुके थे। पर ज्योतिपुंज हास्पिटल में इलाज से नई आशा मिली है।
बच्चेदानी में गांठ से कई प्रकार की जटिलता का सामना करना पड़ता है – डॉ. शिप्रा सिंह
सर्जरी के बाद डॉ. शिप्रा सिंह ने बताया कि बच्चेदानी में गांठ से कई प्रकार की जटिलता का सामना करना पड़ता है। जिनमें भारी मासिक धर्म, पेट के निचले हिस्से में दर्द या दबाव, बार-बार पेशाब आना और प्रजनन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। ऐसे में समय पर इलाज जरुरी है, अन्यथा महिला का मां बनना संभव नहीं है। सर्जरी के बाद महिला मां बन सकेगी।
बच्चेदानी में 2.2 kg वजन की गांठ हो गई थी – मरीज के पति
वहीं मरीज के पति ने बताया कि बच्चेदानी में 2.2 kg वजन की गांठ हो गई थी। ज्योतिपुंज अस्पताल बोरिंग रोड में डॉ. शिप्रा सिंह ने ऑपरेशन किया और बिना बच्चेदानी निकाले गांठ को ऑपरेशन कर निकाला। जिससे अब आगे बच्चे के बारे में पति पत्नी सोच सकती हैं।
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अंशु झा की रिपोर्ट
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