वाराणसी : Hot Weather Effect – कोरोना कालखंड के बाद पहली बार बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अंतिम दाह संस्कार के लिए पहुंचने वाले शवों का महाजाम की स्थिति देखने को मिली है। घाटों पर शवों को एक के बाद एक रखकर उनका अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। नौतपा के दौरान तीन दिनों में तापमान बढ़ने के बाद शवदाह के लिए आने वालों की संख्या में पांच गुना का इजाफा हुआ है। गुरुवार की मध्य रात्रि में तो शवयात्रियों की भीड़ ऐसी उमड़ी की घाट से लकड़ियां और पूजन सामग्री तक की किल्लत हो गई। बीती रात 300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार शाम तक भी यही स्थिति बनी रही। यहां वाराणसी समेत पूर्वांचल के विभिन्न जिलों और पश्चिमी बिहार से भी लोग शवदाह को पहुंच रहे हैं। यह संख्या आम दिनों की अपेक्षा पांच गुना अधिक बढ़ गई है।
महाश्मशान को जाने वाली गलियों से लेकर घाट तक शवयात्रियों की भीड़
शुक्रवार की दोपहर तक मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए अनवरत कतार लगी रही। तापमान में बेहिसाब बढ़ोत्तरी के बाद मणिकर्णिका घाट पर बीती रात शवदाह करने वालों की लंबी लाइन लग गई थी। हालत यह हो गई कि मैदागिन के साथ ही भैंसासुर घाट से लेकर मणिकर्णिका तक शवयात्री ही नजर आ रहे थे। यहां रहने वालों बीते कुछ घंटों की स्थिति का उल्लेख करते हुए बताया कि महाश्मशान मणिकर्णिका पर शवदाह के लिए महाजाम की स्थिति है। घाट से लेकर गलियों तक शवयात्रियों की भीड़ लगी हुई है। तिल धरने की जगह नहीं है और लोग एकदूसरे को धकियाते हुए आ – जा रहे हैं।
महाश्मशान में एक शवदाह के लिए पांच से छह घंटे तक की वेटिंग
महाश्मशान में जगह कम होने और भीड़ अधिक होने के कारण एक शव को जलाने के लिए पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। दूसरी ओर से शवयात्रियों के आने का सिलसिला भी बना हुआ है। डोम राजा ओम चौधरी ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है जब अचानक शवदाह करने वालों की भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ी है। मशान नाथ सेवा समिति के संजय गुप्ता के अनुसार, भीड़ बढ़ने के कारण पहली बार मणिकर्णिका घाट से शवों को हरिश्चंद्र घाट के लिए रवाना कर दिया गया। महाश्मशाननाथ सेवा समिति के महामंत्री बिहारी लाल गुप्ता के मुताबिक, गरमी बढ़ने के कारण दो दिनों में शवदाह के लिए भीड़ का दबाव अचानक बढ़ा है। मणिकर्णिका घाट की ओर जाने वाली गली में हर दो मिनट में एक शवयात्रा गुजरने की स्थिति बनी हुई है।
मिर्जापुर में पोलिंग पार्टियों की रवानगी से पहले 7 की मौत, 30 बीमार
भीषण गर्मी और तपिश के बीच शुक्रवार को चुनावी ड्यूटी में जा रहे जवानों व अन्य कर्मचारियों पर कहर बरपाया। मतदान स्थल पर पहुंचते-पहुंचते कई लोग बीमार हो गये तो तुरंत उन्हें उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। उपचार के दौरान 5 होमगार्ड, सीएमओ कार्यालय के एक लिपिक और एक सफाईकर्मी की मौत हो गई। 21 सुरक्षाकर्मी समेत 30 से अधिक लोगों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। अचानक हुईं मौतो से हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, प्राचार्य मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुष्टि की कि अस्पताल पहुंचने पर होमगार्ड रामजियावन, सत्य प्रकाश, त्रिभुवन, रामकरन, बच्चाराम, लिपिक शिवपुजन श्रीवास्तव, सफाईकर्मी रवि प्रकाश की मौत हो गई।
वाराणसी के अस्पतालों में अचानक बढ़े मरीज, इमरजेंसी भी फुल
भीषण गर्मी के कारण वाराणसी के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लोगों को सिर और पेट दर्द की शिकायतें ज्यादा हो रही हैं। बीएचयू, मंडलीय और जिला अस्पताल के साथ सीएचसी-पीएचसी केंद्रों पर जाकर लोग अपना इलाज करा रहे हैं। वहीं कुछ अस्पतालों में इमरजेंसी वॉर्ड फुल हो गए हैं। कई मरीजों को दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट किया जा रहा है। ओपीडी में भी मरीजों की कतार लगी रही। जो मरीज अस्पताल में आ रहे हैं उनके पैरों और हथेलियों पर आइस क्यूब रगड़े जा रहे हैं। साथ ही दवाइयां और ग्लूकोज पानी भी चढ़ाए जा रहे हैं। कबीर चौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में 24 घंटे में ही मरीजों का आंकड़ा 50 के पार हो गया है। चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में भी मरीजों की भीड़ में इजाफा दिखा। वहीं, दीनदयाल अस्पताल की इमरजेंसी में करीब 130 मरीज पहुंचे थे। दीनदयाल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिग्विजय सिंह ने मरीजों की लगातार आवक को देखते हुए ट्रॉमा सेंटर में तत्काल प्रभाव से चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टॉफ की अलग से ड्यूटी लगा दी है। शुक्रवार को भी मरीजों का लगातार आना बना रहा।