पंकज मिश्रा के घर से कितने रुपये की बरामदगी हुई, ईडी करे खुलासा- जेएमएम

Ranchiझामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि

भाजपा को एक आदिवासी का राष्ट्रपति बनना तो स्वीकार है, लेकिन राज्य का मुखिया कोई आदिवासी हो, यह उसे मजूंर नहीं.

यही कारण है कि एक साजिश के तहत ईडी को आगे कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.

नहीं तो क्या कारण है कि ईडी के प्रेस नोट में सबसे पहले पंकज मिश्रा का नाम है,

जबकि पैसे की बरामदगी पंकज मिश्रा के अलावे अन्य लोगों के पास भी हुई है.

दरअसल पकंज मिश्रा को आगे कर ईडी एक नैरेटिव बनाना चाहती है.

इस पूरी प्रक्रिया में केंद्रीय जांच एजेंसी की भूमिका सवालों के घेरे में है.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वित्तीय अनियमितताओं की जांच तो होनी चाहिए, लेकिन सवाल दुर्भावना से प्रेरित होकर जांच करने का है.

आखिर बैंकों में कैसे काला धन जा सकता है.

ईडी को यह बताना चाहिए कि पंकज मिश्रा के घर से कितने पैसों की बरामदगी हुई है.

उनके बैंक अकाउंट से कितने पैसे मिले है.

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का आरोप मनरेगा घोटाला के आरोपियों से क्यों नहीं हुई पूछताछ

इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सांसद विजय हांसदा ने कहा कि जांच मनरेगा घोटाले से शुरु हुई और साहिबगंज तक पहुंच गई.

अब तक मनरेगा घोटाले में किसी भी पदाधिकारी से पूछताछ नहीं हुई.

बिहार में भाजपा के एक एमएलसी के पास से 2 करोड़ रुपए की बरामदगी को कायदे से पीछे कर दिया गया.

सांसद विजय हांसदा ने कहा कि यह हेमंत सरकार का प्रयास था कि खनन क्षेत्र से रेवेन्यू में वृद्धि हुई.

उन्होने आकड़ा पेश करते हुए कहा कि 2015 से 2019 के बीच मात्र 80 करोड़ रेवेन्यू मिला था,

लेकिन हमने मात्र 133 खदानों से 108 करोड़ प्राप्त किया. 2015 से 2019 के बीच इनके द्वारा कुल 47 लीज दिया गया था

. 2021-22 में 15 लीज दिया गया.

भाजपा का कार्यकर्ता है शंभू भगत, पंकज मिश्रा से कोई रिश्ता नहीं

सांसद विजय हांसदा ने कहा कि जिस शंभू भगत की चर्चा की जा रही है, वह तो भाजपा का कार्यकर्ता है.

उसके उपर कई मुकदमें दर्ज है. कई मामलों में वह जेल भी जा चुका है.

शंभू भगत ने पहले बीएसपी से चुनाव लड़ा था और वर्तमान में भाजपा के साथ हैं.

लेकिन एक नैरेटिव बनाकर पूरे मामले को मुख्यमंत्री से जोड़ने की कोशिश की जा रही है.

भाजपा यह नहीं भूले की उनके ही शासन काल में झारखंड में गुंडों को पाला गया,

और इसके झारखंड को राजस्व का नुकसान हुआ और यह अब  ED का इस्तेमाल सत्ता हासिल करने का मंसूबा पाल रही है.

लेकिन वह चाहे जितनी कोशिश कर ले, सारी केन्द्रीय एजेंसियों को लगा ले, लेकिन झामुमो डरने वाली नहीं है.

मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए पंकज मिश्रा के खिलाफ एक नैरेटिव गढ़ी जा रही

भाजपा को चुनौती देते हुए सांसद विजय हांसदा ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के लिए करोड़ों रुपए में नेताओं को खरीदा गया.

लेकिन भाजपा यह नहीं भूले की झारखंड महाराष्ट्र नहीं है.

लम्बा संधर्ष और शहादत के बाद इस राज्य का निर्माण हुआ है.

झारखंड खैरात में नहीं मिला है.

लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार और उसके मुखिया की छवि को खराब करने में लगी है.

सांसद विजय हांसदा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर हम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटायेंगे.

जिन लोगों को पंकज मिश्रा को सहयोगी बतलाया जा रहा है, उन लोगों का पंकज मिश्रा से कोई संबंध नहीं है.

पंकज मिश्रा का नाम लेकर मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

भ्रष्टाचार की जांच होनी ही चाहिये, लेकिन किसी को बचाकर और किसी को फंसा कर नहीं.

रिपोर्ट- शहनवाज

पकंज मिश्रा पहुंचे ईडी कार्यालय, पूछताछ जारी, बढ़ाई गयी सुरक्षा व्यवस्था

Share with family and friends:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × two =