मुजफ्फरपुर : कल तक जिस मुजफ्फरपुर जिला के चतुर्भुज स्थान इलाके को सिर्फ एक बदनाम गली के रूप में जाना जाता था। आज वहां सेक्स वर्कर की बेटी के रूप में चर्चित समाजसेवी नसीमा खातून परचम संस्था के सहयोग से मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र स्थित कन्हौली नाका परिसर में पुलिस पाठशाला के माध्यम से शिक्षा के प्रकाश से रोशन हो रहा है। उनके सहयोग के लिए मुजफ्फरपुर पुलिस और स्टेट बैंक आफ इंडिया (SBI) आगे जाकर बढ़ चढ़कर निर्धन परिवार के वंचित बच्चे और बच्चियों को शिक्षा से जोड़कर नई दिशा दिया जा रहा है। एसबीआई के मदद से अब उनके लिए डिजिटल शिक्षा की नई राह खुल भी गई है। इस बदनाम गली के 100 से अधिक वंचित बच्चों के लिए जिला पुलिस द्वारा संचालित पुलिस पाठशाला को अब स्मार्ट क्लास की सौगात मिल गई है।
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SBI समाज की जिम्मेदारी के लिए प्रतिबद्ध है – प्रफुल्ल कुमार झा
भारतीय स्टेट बैंक इंडिया के उप महाप्रबंधक प्रफुल्ल कुमार झा ने बताया कि एसबीआई समाज की जिम्मेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। समाज के लिए कुछ अच्छा करने के उद्देश्य से शिक्षा से महरूम रहे। पुलिस पाठशाला के बच्चों के लिए यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूता, स्मार्ट टीवी, पंखा और लाइट की व्यवस्था दी गई है। इससे बच्चों का बौद्धिक, मानसिक और तकनीकी विकास हो सकेगा। सभी को आगे जाकर मदद करना चाहिए।
पुलिस पाठशाला के माध्यम से बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, अनुशासन व नैतिक मूल्यों का ज्ञान दिया जा रहा है
इस पुलिस पाठशाला के माध्यम से यहां के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, अनुशासन और नैतिक मूल्यों का ज्ञान दिया जा रहा है। इस पहल का सबसे बड़ा उद्देश्य समाज के इन वंचित बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें एक बेहतर भविष्य देना है। अब जब इस पाठशाला को डिजिटल तकनीक से जोड़ा गया है, तो सीखने की प्रक्रिया और भी आसान और रोचक हो गई है। पुलिस पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चे के माता-पिता टेंपो रिक्शा चलाते हैं दर्जी का काम करते हैं या किसी के घर चूल्हा चौका करते हैं। यह बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने के बाद शाम चार बजे से छह बजे तक पुलिस पाठशाला में पुलिस और अन्य शिक्षाविद के द्वारा पढ़ाई करते हैं। मुजफ्फरपुर पुलिस के डीएसपी टाउन सीमा देवी द्वारा बच्चों को लगातार उत्साहित किया जा रहा है।
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बदनाम कहे जाने वाले इलाके में बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य तैयार करना था – नसीमा खातून
वहीं कन्हौली नाका टीओपी पुलिस कार्यालय में इस संस्थान को चलाने वाली समाजसेवी नसीमा खातून ने कहा कि हमारा मकसद इस बदनाम कहे जाने वाले इलाके में बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य तैयार करना था। एसबीआई महिला क्लब के सदस्यों के हांथों मिले। इन बच्चों को स्मार्ट क्लास और डिजिटल शिक्षा मिलने लगी है, तो यह हमारी सबसे बड़ी सफलता है। उन्होंने आगे कहा कि इस सफर में कई कठिनाइयां आईं लेकिन बिहार पुलिस के सहयोग से यह सपना साकार हुआ।
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संतोष कुमार की रिपोर्ट