Shikaripara– दारुबाज शिक्षक की दास्तान-दारु ही तो पी है, चोरी तो नहीं की है’ अक्सर यह गीत आपने ने भी अपनी जवानी की दिनों में गाया सुना होगा. लेकिन तब क्या कहा जाय, जब यही गीत गाता हुआ कोई शिक्षक किसी क्लास रुम में पहुंच जाय.
लेकिन कुछ ऐसा ही हुआ अपने स्कूलों की खस्ताहाली को लेकर बदनामी से जुझता झारखंड के आदिवासी बहुल शिकारीपाड़ा का उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, दरबारपुर में.
यह वह इलाका है, जहां आपकी नजर आम रुप से शराब के नशे में धुत सड़क किनारे पड़े लोगों पर पड़ी होगी, ना आज की फिक्र और ना कल की चिंता. अपने वर्तमान की त्रासदियों को जश्न मनाता यह दृश्य झारखंड में आम है.
दारुबाज शिक्षक से खतरे मेंं नौनिहालों का भविष्य
लेकिन यही काम कोई शिक्षक करें तो बात तो दूर तलक जाएगी ही. साथ ही उन नौनिहालों का भविष्य की चिंता भी स्वाभाविक रुप से आपके जेहन में आयेगी. आपकी चिंता वाजिब है. लेकिन आपकी इस चिंता से उस सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता जो उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, दरबारपुर के छात्रों को झेलना पड़ा.
दरअसल इस विद्यालय में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी जब इस विद्यालय के शिक्षक आंद्रियास मरांडी नशे में धुत होकर विद्यालय पहुंच गये और साथ ही जमीन पर लेट कर, अपने जीवन के सारे संत्रास और विपन्नताओं को भूला बैठे.
पहली भी हो चुकी है इस प्रकार की घटना
बतलाया जा रहा है कि आंद्रियास मरांडी नशे में इस कदर धुत थें कि उनमें अपनी कुर्सी पर बैठने की शक्ति नहीं थी. आंद्रियास की यह हालत देख कर छात्रों की हालत क्या हुई होगी इसका आप लगा सकते हैं. जैसे तैसे यह खबर छात्रों ने ग्रामीणों तक पहुंचा दी, उसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी, घटना का वीडियो बनाया गया.
सबसे बड़ी बात यह है कि यह इस विद्यालय की कोई पहली घटना नहीं है, इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है. लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
जब इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अमिताभ झा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि घटना बृहस्पतिवार की है और सीआरपी को इस संबंध में जांच करने के लिए विद्यालय भेजा गया है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उक्त शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट- सद्दाम