रांची: देश में फर्जी तरीके से सिम कार्ड लेने और उसके गलत इस्तेमाल पर पहले से ज्यादा सख्ती होगी, अगर कोई व्यक्ति फर्जी तरीके से सिम हासिल करता है, तो इसके लिए तीन साल तक की सजा होगी और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा. उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले उनकी बायोमेट्रिक पहचान नितांत जरूरी होगी.
साथ ही, यदि कोई राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित के खिलाफ किसी भी तरह से काम करता है और अवैध रूप से दूरसंचार उपकरणों का उपयोग करता है, तो उसे भी तीन साल तक की कैद की सजा सुनायी जा सकती है या दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या दोनों सजाएं दी जा सकती है.
इसी तरह फोन नंबरों के अन्य दुरुपयोगों पर भी दंड मिलेगा. कोई भी महत्वपूर्ण दूरसंचार बुनियादी ढांचे के अलावा दूरसंचार नेटवर्क को नुकसान पहुंचाता है, तो वह भी 50 लाख रुपये तक के जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा. ये प्रावधान दूरसंचार विधेयक, 2023 में किये गये हैं, जिसे राज्यसभा ने गुरुवार को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया.