मुकुंद राव का उत्तराधिकारी नहीं मिला तो सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन सरकारी संपत्ति घोषित हो जाएगी

रांची:  वरियातू में स्थित सेना की 4.55 एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से खरीद- बिक्री मामले में ईडी की जालसाजों के विरुद्ध कार्रवाई तेज है। एक दिन पहले ही ईडी ने सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन के अलावा बाजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन को अस्थायी रूप से जब्त किया है।

मुकुंद राव का उत्तराधिकारी नहीं मिला तो सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन सरकारी संपत्ति घोषित हो जाएगी

सेना के कब्जे वाली जमीन सरकारी दस्तावेज में बीएम लक्ष्मण राव की है, जो स्वतंत्रता के समय से ही सेना के कब्जे में है।सेना के दस्तावेज के अनुसार सेना 417 रुपये प्रति माह किराया बीएम लक्ष्मण राव को देती थी। इस किराए का भुगतान उनके बेटे बीएम मुकुंद राव को भी होता रहा। वर्ष 1946 में बीएम लक्ष्मण राव का देहांत हो गया।

सौंपे गए दस्तावेज से वह ईडी को संतुष्ट नहीं उनके बेटे बीएम मुकुंद राव का भी 1998 में देहांत हो गया। इसके बाद जयंत करनाड ने खुद को बीएम मुकुंद राव का उत्तराधिकारी बताकर सेना से किराए का दावा किया, लेकिन इसके साक्ष्य में सौंपे गए दस्तावेज से वह ईडी को संतुष्ट नहीं कर पाया।

बीएम मुकुंद राव के बाद की वंशावली ईडी के सामने प्रमाणित नहीं हो सकी। ईडी ने उक्त जमीन को अस्थायी रूप से जब्त कर निर्णायक प्राधिकार को ब्योरा भेज दिया है। निर्णायक प्राधिकार की मुहर लगते ही उक्त जमीन को ईडी स्थायी रूप से जब्त कर लेगी। अगर बीएम मुकुंद राव का उत्तराधिकारी नहीं मिला तो सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन सरकारी संपत्ति घोषित हो जाएगी।

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