डिजीटल डेस्क : लोकसभा चुनाव के पहला चरण बीतने के बाद अब भाजपा की अगुवाई वाले एडीए के खिलाफ प्रतिपक्षी दलों के इंडी गठबंधन ने अब अपनी रणनीति को धार देने के लिए अपना साझा घोषणापत्र मतदाताओं के बीच जारी करने का मन बनाया है। इससे पहले तक इस बारे में सभी ने मौन धारण कर रखा था। अंदरखाने इस बारे में तेजी से काम जारी था लेकिन घटक दलों में से सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस जाति जनगणना के मुद्दे पर सहमत नहीं हुई है। उसे मनाने की प्रक्रिया जारी है। तैयारी यह है कि रांची में 21 अप्रैल को हो रहे प्रतिपक्षी दलों के उलगुलान रैली होने तक तृणमूल राजी हो जाए और 7 कॉमन बिंदुओं वाला गठबंधन का घोषणापत्र जारी कर दिया जाय।
सभी दलों के प्रमुख वादे इस घोषणापत्र में होंगे शामिल, 7 वर्गों के लिए 7 वादे
इंडिया गठबंधन के साझा घोषणा पत्र में सभी घटक दलों के घोषणापत्र के अहम वादों को शामिल किया गया है। इसमें 30 लाख रिक्त पदों पर भर्ती, जातीय जनगणना और आरक्षण की सीमा में बढ़ोतरी और किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी सरीखे वादों को रखा गया है। इंडी गठबंधन सामूहिक रूप से युवा, महिला, किसान, गरीब समेत 7 वर्गों के लिए 7 वादों की घोषणा करेगा। ये हैं – सभी बीपीएल परिवार को राशन उनके दरवाजे पर पर मुफ्त मुहैया करवाया जाएगा, गरीब परिवारों को साल में 6 सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे, सबको 200 यूनिट बिजली फ्री मिलेगा, छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए एक मुश्त 50 हजार रुपये मिलेंगे, राज्यवार ओपीएस योजना लागू करेंगे और जातिगत जनगणना कराई जाएगी। शामिल स्टूडेंट लोन की माफी पर भी गठबंधन के सभी दल सहमत हो गए हैं।
स्टूडेंट लोन की माफी के वादे को गेम चेंजर मान रहे गठबंधन के रणनीतिकार
इंडी गठबंधन ने कांग्रेस के घोषणापत्र के स्टूडेंट लोन की माफी के वादे को सभी घटक दलों ने सभी वोटरों तक पहुंचाने का मन बनाया है ताकि नए मतदाताओं को अपने पाले में किया जा सके और एनडीए के खिलाफ अपनी बात को युवाओं में तेजी से ग्राह्य करवाया जा सके। इसी क्रम में यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि इस माफी का बोझ बैंकों पर न पड़े इसके लिए सरकार बैंकों की भरपाई करेगी। गठबंधन के रणनीतिकारों का मानना है कि ये युवाओं के लिए गेम चेंजर साबित होगा।
अधिकांश वादे कांग्रेस – सपा और राजद के घोषणापत्र में हैं कॉमन
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने लोकतंत्र और संविधान बचाने का वादा किया है। दोनों ही पार्टियों के घोषणा पत्र में जातिगत जनगणना कराने की बात कही गई है। दोनों ही पार्टियों का फोकस सरकारी नौकरी पर है। कांग्रेस और सपा ने महिलाओं के लिए भी कई वादे किए हैं। सपा ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत तो कांग्रेस ने 50 फीसदी आरक्षण देने की बात कही है। लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने पांच न्यायों की बात की है जिनमें हिस्सेदारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय, नारी न्याय और युवा न्याय शामिल हैं। इसके अलावा 30 लाख सरकारी नौकरियां, हर शिक्षित युवा को 1 लाख रुपए की अप्रेंटिसशिप का अधिकार, केंद्र सरकार की नई नौकरियों में 50 फीसदी महिला आरक्षण, युवाओं के लिए 5000 करोड़ का नया स्टार्टअप फंड और छात्रों के लिए एजुकेशन लोन माफ करना शामिल हैं। दूसरी ओर समाजवादी बिहार के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने परिवर्तन पत्र के नाम से अपना घोषणा पत्र जारी किया है जिसमें कांग्रेस की तरह उसने भी सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को रद्द करने और पुरानी भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का वादा किया है। साथ ही पार्टी ने राज्य में 200 यूनिट मुफ्त में बिजली देने का वादा किया है। इसके अलावा 1 करोड़ नौकरी और 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है।
जाति जनगणना पर तृणमूल असहमत, राजी न हुई तो रांची रैली के बाद जारी होगा घोषणापत्र
इंडी गठबंधन जातिगत जनगणना को छोड़कर बाकी मुद्दों पर सभी घटक दलों में सहमति बनी हुई है। इस मुद्दे पर केवल तृणमूल कांग्रेस असहमत है। वह नहीं चाहती है कि जातिगत जनगणना को 7 सूत्री वादों में शामिल किया जाए। इस मुद्दे पर कांग्रेस का कहना है कि बंगाल में अलग झंडा बुलंद किए तृणमूल कांग्रेस को तो एकला चलो रहे वाले एजेंडे पर केवल बहाना चाहिए। ऐसे में 21 अप्रैल को रांची में इंडिया गठबंधन की रैली तक तृणमूल मान गई तो वहीं इस सात सूत्रीय कार्यक्रम का ऐलान होगा अन्यथा वहां टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी के चलते इसको स्थगित कर दिया जाएगा। रैली के बाद तृणमूल के विरोध के बावजूद इंडिया गठबंधन का ये साझा घोषणापत्र जल्द देश के सामने जारी कर दिया जाएगा।