IG एवी होमकर ने बताया नक्सल मुक्त अभियान के दौरान कैसे बचाई गई नक्सली की जान, इस रिपोर्ट में जानिए

रांचीः झारखंड में सुरक्षा बलों की नक्सलियों के साथ लगातार लड़ाई चल रही है। झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन और अन्य एजेंसी के संयुक्त बालों के द्वारा कोल्हान क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान सुरक्षा बल ने एक नक्सली की जान भी बचाई है।

झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में नक्सली अपनी निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। क्योंकि उस क्षेत्र के अलावे पूरे झारखंड से नक्सलियों का सफाया हो चुका है। कोल्हान क्षेत्र से नक्सलियों की सफाए के लिए लगातार अभियान चल रहा है। इस अभियान के दौरान नक्सली पुलिस को निशाना बना रही हैं। तो पुलिस जवाबी करवाई कर रही है। लेकिन एक ऐसा वाक्य भी सामने आया जो मिसाल से कम नहीं। दरअसल पुलिस ने अभियान में घायल एक जख्मी नक्सली की जान बचाई। इस पूरी घटनाक्रम को आईजी अभियान अमोल वेणुकांत होमकार ने साझा किया।

आईजी अभियान ने बताया कि लगातार चल रहे अभियान के क्रम में कोल्हान क्षेत्र में जहां पूर्व में सुरक्षा बल भी नहीं जा पाए थे। उन सभी क्षेत्रों में जाकर कैंप खोले गए हैं और अभियान चलाया जा रहा है। उन क्षेत्र के विकास के लिए जो आवश्यक कदम है चलाए जा रहे हैं। झारखंड में जिस तरह से नक्सलियों का सफाया किया गया है। चाईबासा का यह आखिरी क्षेत्र बचा है। जहां नक्सली बड़ी तादाद में छिपे हुए हैं और उनके शीर्ष नेता भी छिपे हुए। यह निर्णायक लड़ाई चल रही है।

माओवादियों को भी पता है कि इस क्षेत्र से उनके उखड़ जाने के बाद उन्हें झारखंड में और कोई जगह नहीं मिल सकती है। वह भी करो या मरो के रूप में देख रहे हैं। पिछले दिनों लगातार सुरक्षा बलों की माओवादियों के साथ मुठभेड़ हुई है। कुछ सिविलियन के कैजुअल्टी भी हुई है। पूरे क्षेत्र में माओवादियों द्वारा आईडी लगाई गई है। सुरक्षा बलों को भी हानि हुई है। कुछ साथी शाहिद भी हुए हैं। कुछ जख्मी भी हुए हैं। लेकिन ऊंचे मनोबल के साथ उस क्षेत्र को माओवादियों की काली छाया से मुक्त करने के लिए सुरक्षा बल अपना अभियान जारी रखे हुए हैं।

इसी अभियान के क्रम में पिछले दिनों 13 अक्टूबर को नक्सलियों के साथ पुलिस सुरक्षा बलों की भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से भाग गए। लेकिन संयुक्त बलों को यह सूचना प्राप्त हुई कि कई सारे नक्सली मुठभेड़ में जख्मी हुए हैं और अपने कुछ जख्मी साथियों को मरने के लिए छोड़कर वहां से भाग गए हैं। इसी जानकारी पर उसे क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया.

सर्च अभियान में उस घायल नक्सली को ढूंढा गया और गंभीर रूप से घायल नक्सली को जवानो के द्वारा 5 किलोमीटर तक पैदल लाया गया। जिस रास्ते से घायल नक्सली को लाया गया। उस पूरे क्षेत्र में आईडी बिछाया हुआ था। जवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लाया गया। फिर हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए रांची लाया गया। इस कार्य के लिए ग्रामीणों के द्वारा पुलिस की कार्रवाई को साराहा भी गया है।

आईजी अभियान ने कहा कि झारखंड सरकार का लगातार प्रयास रहा है कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा से जुड़े। इसके लिए झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति है। जिसका लगातार प्रचार प्रसार भी किया गया है। उन्होंने कहा कि यही संदेश देना चाहते हैं कि हिंसा का रास्ता छोड़ कर जो मुख्य धारा में जुड़ते हैं। उनका स्वागत किया जाएगा।अभियान चला रही संयुक्त बल किसी को मारना नहीं चाहते। बल्कि जो रास्ते से भटक गए हैं। वह मुख्य धारा में लौटे। यह चाहती है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा उस क्षेत्र में विकास का कार्य किया जा रहा है। उसमें वह अपने सहभागिता दें। आईजी अभियान ने कहा कि झारखंड पुलिस बदले की भावना से काम नहीं करती है। बल्कि चाहती हैं कि बिना खून बहाकर नक्सलियों को मुख्य धारा में लाएं और उसे क्षेत्र में शांति कायम कर सके।

रिपोर्टः कमल कुमार

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