थोड़ी देर में अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, घाट पर पहुंचने लगे व्रती

कोयलांचल धनबाद के राजेंद्र सरोवर समेत तमाम छठ घाट में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम

धनबाद/रांची/पटना : अस्ताचलगामी सूर्य- लोक आस्था का महापर्व कार्तिक छठ कोयलांचल धनबाद,

रांची, पटना सहित पूरे बिहार और झारखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा है.

आज तीसरा दिन है, सभी छठ घाटों को सुसज्जित तरीके से सजाया गया है.

सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए हैं. धनबाद शहर के राजेंद्र सरोवर,

मनइटांड़ छठ तलाब, दामोदर नदी घाट, रानी बांध, तालाब राजा बांध

समेत तमाम छठ घाटों पर लाखों की संख्या में छठ व्रतियों का जुटान हो गया है,

जहां थोड़ी देर बाद अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा.

31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य

खरना के बाद रविवार को छठ का तीसरा दिना है. आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा,

जबकि 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

छठ व्रति खरना के बाद से ही 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं. आज पटना समेत बिहार के अन्य जिलों के घाटों पर छठ व्रती डूबते हुई सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की उपासना करेंगे. अर्घ्य को लेकर पटना समेत अन्य घाटों पर सरकार की तरफ से खास व्यवस्था की गई है. मौसम विभाग ने बिहार के सभी जिलों में सूर्यास्त के सही समय को जारी किया है.

पटना के गंगा घाटों पर पहुंचने लगे छठ व्रती

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य थोड़ी देर में दिया जाएगा. पटना के गंगा घाटों पर व्रतियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. दउरा लेकर छठ व्रती और उनके परिजन घाट पर पहुंचने लगे हैं.

छठ मइया की भक्ति में डूबे तेज प्रताप

राबड़ी आवास पर इस बार छठ पर्व नहीं हो रहा है. लेकिन लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव छठी मइया की भक्ति में डूबे दिखे. उन्होंने पैतृक गांव फुलवरिया में खरना का प्रसाद खाया. घाटों का निरीक्षण भी किया.

खरना के बाद अर्घ्य की तैयारी

गंगा के घाटों पर काफी संख्या में व्रती पहुंचे. दीघा घाट के आसपास रहने वाली महिला व्रती पैदल ही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नदी के तट पर पहुंच रही थी. इस दौरान वे छठी माई की गीत गा रही थीं. गंगा तट पर पहुंचने पर सबसे पहले व्रतियों ने आम की दातुन से मुंह धोया. उसके बाद नदी के पानी में स्नान करने का सिलसिला शुरू हुआ. दोपहर में नदी में स्नान के दौरान हर-हर गंगे एवं हर-हर महादेव की जय-जयकार से पूरा वातावरण गूंज उठा. स्नान करने के बाद व्रतियों ने भगवान भास्कर को जल अर्पित किया.

बाजारों में दिनभर रही रौनक

इसके बाद तट पर स्थित मंदिरों में व्रतियों ने पूजा-अर्चना की. शाम को घरों में व्रतियों ने रोटी एवं खीर का प्रसाद बनाया. उसके बाद पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया. इसके उपरांत परिवार के अन्य सदस्यों ने प्रसाद लिया. यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा. रविवार को राजधानी में सूर्यास्त 5 बजकर 10 मिनट पर होगा. वहीं सोमवार को सूर्याेदय 5 बजकर 57 मिनट पर होगा. अर्ध्य की तैयारी काफी श्रद्धा एवं उत्साह से की जा रही है. शनिवार को दिनभर फल बाजारों में रौनक रही. रविवार को नई साड़ी एवं धोती में छठव्रती अर्घ्य देंगे.

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