HAZARIBAGH: हजारीबाग में सरकारी वन भूमि लूट का मामला झारखंड विधानसभा के दरवाजे तक पहुंच चुका है. यह मामले को मांडर विधायक शिल्पी नेता तिर्की ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उठाया.
इसको लेकर हजारीबाग में चर्चाओं का बाजार गर्म है. आपको बता दें कि हजारीबाग के बरही विधानसभा क्षेत्र के मौजा खाता नंबर प्लॉट नंबर रकबा 8 एकड़ जमीन बरही के कुछ दबंग लोगों के नाम से म्यूटेशन कर दिया गया है.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
हजारीबाग के समाजसेवी मनोज गुप्ता ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी को साझा करते हुए बताया कि हजारीबाग में सरकारी जमीनों को लूटने की कार्यवाही बहुत जोर शोर से चल रही है इसमें सरकारी कर्मियों की संलिप्तता भी है. उन्होंने कहा कि बरही वन भूमि लूट का मामला तो एक बानगी है लेकिन सही से खंगाला जाए तो सैकड़ों भूमि सरकार के हाथ से जाती दिखाई देगी.
इस पूरे मामले पर हजारीबाग के वन विभाग में
एसीएफ एके परमार ने बताया कि वन भूमि को अंचल कर्मियों के मिलीभगत से दाखिल खारिज कर दिया जाता है जब हम लोग इस मामले में
अपना दावा पेश करते हैं तो कोर्ट जाने के अलावा और
कोई जगह बच नहीं जाती है. वन विभाग में मानचित्र के साथ-साथ
अधिसूचना की कॉपी मौजूद है लेकिन जाली कागजात के
आधार पर अंचल अधिकारी के द्वारा बगैरह सही
जांच किए दाखिल खारिज कर देना कहीं से भी जायज नहीं है.
जिस तरह विकास कार्य के लिए सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण
हो रहा है ऐसे में जमीन का विवादास्पद हो जाना विकास कार्य
को लगाम देने वाला होगा यह सब जानते हैं बावजूद
इसके कि सरकारी कर्मी न तो ऐसे मामलों पर अपना मुंह ही
खोलते हैं और न ही सही से कार्य करते नजर आ रहे हैं.