Ranchi-झारखंड हाई कोर्ट से प्रीति हत्याकांड मामले में विभागीय कार्रवाई झेल रहे चुटिया के तत्कालीन थाना प्रभारी कृष्ण मुरारी को राहत मिली है.
जस्टिस डा एसएन पाठक की अदालत ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई और सजा के आदेश को निरस्त कर दिया है. कृष्ण मुरारी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
सुनवाई के दौरान उनकी ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने अदालत को बताया कि प्रीति हत्याकांड मामले में तत्कालीन चुटिया थाना प्रभारी कृष्ण मुरारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई. सजा के तौर पर उन्हें छह बार के वेतन बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गई. पुलिस मैनुअल के अनुसार यह बहुत बड़ी सजा है. जबकि वे इस मामले में जांच पदाधिकारी भी नहीं थे. इस दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर कहा गया कि प्रीति हत्याकांड मामले में कृष्ण मुरारी जांच पदाधिकारी नहीं थे. इस पर अदालत ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के बाद तय की गई सजा को निरस्त कर दिया.
दरअसल चुटिया की रहने वाली प्रीति अचानक अपने घर के गायब हो गई. प्राथमिकी दर्ज होने के दूसरे दिन बुंडू में एक युवती की जली हुई लाश बरामद हुई थी. इस मामले में पुलिस ने धुर्वा के रहने वाले तीन युवकों को जेल भेज दिया. इसके बाद प्रीति अपने घर वापस लौट आयी. इसकी जांच सीआईडी से कराई गई.
जिसमें माना गया कि पुलिस ने सही तरीके से जांच नहीं की है और निर्दोष युवकों को जेल भेज दिया गया.