रोहतासः भारतीय थल सेना के शहीद जवान धर्मेन्द्र सिंह को बिक्रमगंज प्रखंड के मैधरा गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ 6 वर्षीय पुत्र तेज प्रताप ने नम आंखों से मुखाग्नि दी. मासूम तेज प्रताप ने भावूक स्वर में कहा कि पापा देश के लिए शहीद होकर हमें अकेला छोड़ गयें.

बता दें कि शहीद धर्मेन्द्र कुमार सेना को खाद्य पदार्थ पहुँचा कर वापस लौट रहे थे, इसी दौरान उनका वाहन पहाड़ी से करीब 120 फीट नीचे खाई में जा गिरी. और घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई.

शहादत की खबर सुनते ही हजारों लोगों की भीड़ शहीद के अंतीम दर्शन को उमड़ पड़ी. जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 27 सितंबर को शहादत की खबर के साथ ही परिजन तीन दिनों से शहीद के पार्थिव शरीर के इंतजार में बैठे थें. 30 सितंबर की सुबह दानापुर, सिख रेजमेंट बटालियन द्वारा शहीद के पार्थिव शरीर को बिक्रमगंज लाते ही पूरा क्षेत्र तिरंगों से पट गया. ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद धर्मेन्द्र अमर रहें’ के नारों से आसमान गुंजायमान हो गया. क्या बूढ़े और क्या बच्चे सभी शहीद के अन्तीम दर्शन के लिए पैतृक गांव मैधरा की ओर चल पड़े. लेकिन, गुरुवार की सुबह जब तिरंगे में लिपटा शहीद जवान का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा तो लोगों की आंखें नम हो गई.
बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि, सड़क दुर्घटना में गयी थी पिता की जान



































