रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को संथाल इलाके में बांग्लादेशी मूल के घुसपैठियों की पहचान और कार्रवाई के लिए स्पेशल ब्रांच का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने 8 अगस्त को दानयाल दानिश की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जिला प्रशासन को संथाल के छह जिलों में राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेज जारी करने से पहले व्यक्ति के भूमि और अन्य दस्तावेजों का मिलान करना होगा। इसके अतिरिक्त, हाईकोर्ट ने सीमा सुरक्षा बल (BSF), यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी (UID), भारतीय चुनाव आयोग, इंटेलिजेंस ब्यूरो और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के प्रमुखों को भी प्रतिवादी बनाया है।
प्रार्थी के वकील ने अदालत को बताया कि वर्ष 1951 से 2011 तक संथाल में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या में 44.67% से घटकर 28.11% रह गई है, जबकि मुस्लिम जनसंख्या 9.44% से बढ़कर 22.73% हो गई है। अदालत ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए 22 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने इस आदेश के माध्यम से संथाल में घुसपैठ के मुद्दे को प्रभावी ढंग से संबोधित करने का प्रयास किया है, और राज्य सरकार को उचित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस मामले के आगामी सुनवाई पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।