पीड़ित बच्चियों से अस्पताल पहुंचकर की मुलाकात, रसोईया और वार्डन को दिया जरूरी निर्देश
गुमला : गुमला जिले के डुमरी प्रखण्ड में अवस्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग से 28 लड़कियां बीमार हो गई थी. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद शिक्षा सचिव ने स्वयं संज्ञान लिया. शिक्षा विभाग के सचिव की ओर से मामले की उच्चस्तरीय जांच का निर्देश दिया गया. इसके बाद झारखण्ड शिक्षा परियोजना रांची के प्रशासी पदाधिकारी जयंत कुमार मिश्रा की अगुवाई में जांच दल ने विद्यालय का स्थलीय जांच कर घटना की विस्तृत जानकारी ली और खाद्यान व प्रयुक्त सब्जी का सैम्पल इकट्ठा किया. जांच टीम ने विद्यालय निरीक्षण के क्रम में रसोई व्यवस्था का जायजा लिया. मौके पर रसोईया और वार्डन को साफ-सफाई सहित आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये.
बच्चों के बीच सेब तथा टॉफी का वितरण
बता दें कि केजीबीवी की 28 छात्राओं को रविवार की रात खाने के बाद पेट दर्द, उल्टी, दस्त की शिकायत के बाद गम्भीर हालत में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जांच टीम ने विद्यालय में लचर विद्युत व्यवस्था पर क्षोभ जताते हुए उसमें सुधार का निर्देश दिया. जांच टीम ने विद्यालय के बच्चों की काउंसिलिंग के क्रम में जरूरी हेल्थ टिप्स भी दिये. साथ ही स्कूली बच्चों के बीच सेब तथा टॉफी का वितरण भी किया. जांच टीम ने सदर अस्पताल गुमला और डुमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचकर पीड़ित बच्चियों के इलाज और मौजूदा स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी हासिल की.
जेईपीसी के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर जयंत मिश्रा ने कहा कि घटना की सूचना के बाद उन्होंने सभी पहलुओं की जांच की है. अन्य दिनों की भांति उस रोज भी वहीं खाद्यान्न प्रयोग हुए थे. फूलगोभी में पेस्टिसाइड्स के अधिक प्रयोग के कारण ऐसी घटना सम्भव हो सकती है. उन्होंने इस सम्बंध में रसोइयों तथा वार्डन को जरूरी हिदायत दी है. जांच दल में जेईपीसी के प्रशासी पदाधिकारी जयंत कुमार मिश्रा के अलावा कस्तूरबा विद्यालय की स्टेट हेड अनूपा तिर्की, गुमला डीईओ सह डीएसई सुरेंद्र पाण्डेय के अलावा क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी तथा बीईईओ मौजूद रहे.
रिपोर्ट: रणधीर निधि
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