साजिश के तहत फंसे इरफान अंसारी- अफजल दुर्रानी

विधायक इरफान अंसारी से छात्र नेता अफजल दुर्रानी ने की मुलाकात

रांची : कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को साजिश के तहत फंसाया गया.

बहुत जल्द इसकी सच्चाई सामने आ जाएगी. विधायकों को फंसाने का किरदार निभाने वालों का पर्दाफाश होगा.

ये बातें ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के झारखंड राज्य परिषद के सदस्य छात्र नेता अफजल दुर्रानी ने कही.

छात्र नेता अफजल दुर्रानी सोमवार को कोलकाता पहुंच कर जामताड़ा के

विधायक डॉ. इरफान अंसारी से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना.

इरफान अंसारी बहुत जल्द लौटेंगे झारखंड

छात्र नेता दुर्रानी ने कहा कि जनता जिसके साथ खड़ा हो वह विधायक कभी कमजोर नहीं पड़ सकता है.

इरफान अंसारी के साथ पूरा जामताड़ा और झारखंड की गरीब, मजदूर, किसान, अल्पसंख्यक,

दलित, आदिवासी, पूरे झारखंड की जनता उनके साथ खड़ी है.

उन्होंने कहा कि विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने बताया कि वे बहुत जल्द झारखंड लौटेंगे.

डॉ. इरफान ने कहा कि वह कोलकाता में रहकर भी क्षेत्र के लोगों से लगातार संपर्क में हैं.

साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं.

तीनों की सदस्यता रद्द करने की चल रही सुनवाई

बताते चलें कि बंगाल में कैश के साथ पकड़े जाने के बाद कांग्रेस के तीनों विधायकों को

पार्टी से निलंबित कर दिया था. इसके साथ ही तीनों विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द

करने के लिए कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा में आवेदन दिया था.

इस पर स्पीकर न्यायाधीकरण में सुनवाई चल रही है. स्पीकर न्यायाधीकरण ने पिछले दिनों तीनों विधायकों को ऑनलाइन सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया था. लेकिन विधायकों ने कहा था कि उनके पास स्मार्ट फोन नहीं है. वे ऑनलाइन सुनवाई में कैसे शामिल हो सकेंगे.

इरफान अंसारी: कार से मिले थे नगद रुपए

30 जुलाई को पश्चिम बंगाल की हावड़ा पुलिस ने कैश के साथ विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को गिरफ्तार किया था. जांच के क्रम में उनकी कार से 49 लाख रुपए नगद मिले थे. रुपए कहां से आए इसका जवाब नहीं देने पर तीनों विधायकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.

फिर केस सीआईडी को सौंप दिया गया था. रेड करने सीआईडी की टीम तीनों विधायकों के झारखंड स्थित घर भी आई थी. पूछताछ के बाद तीनों को जेल भेज दिया गया था.

17 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने तीनों को जमानत दी थी. शर्त था कि तीनों विधायक कोलकाता नहीं छोड़ सकते. इसके बाद से तीनों विधायक कोलकाता में ही है. अब इजाजत मिलने के बाद तीनों जल्द झारखंड आ सकते हैं.

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