बिहार चुनाव में हाशिये पर जनसुराज, क्या जनता ने किया इंकार या हार गये “सरकार”
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पदयात्रा कर बिहार बदलने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर को जनता ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। चुनाव में अपनी साख भी नही बचा पाये है पीके। कई राज्यों के चुनाव में रणनीतिकार रहे और जीत दिलाने वाले प्रशांत किशोर आखिर क्यों हो गये फिसड्डी, जानिये अंदर की बात…..
चुनावी रणनीतिकार के रूप में सलाह देने के कमाये है करोड़ों रूपये
जनसुराज के संस्थापक रहे प्रशांत किशोर बिहार चुनाव में फेल साबित हो गये हैं और जनता से उन्हें खारिज कर दिया है। जबकि माना जाता है कि प्रशांत किशोर कई राज्यों में अपनी रणनीति के बहाने सरकार बनवाने में मदद की है। वहीं प्रशांत किशोर ने खुलेआम रणनीतिक सलाह देने के बहाने करोड़ों रूपये कमाने का दावा भी किया था।
नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों पर हमलावर थे प्रशांत किशोर
कभी नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर सुर्खियों में रहे प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक चौधरी और सांसद संजय जायसवाल पर भी गंभीर आरोप लगाये थे।
वहीं कभी तेजस्वी यादव को टक्कर देने के लिये राघोपुर से चुनाव लड़ने का भी एलान किया था। जनसुराज ने जिलों से भी अच्छे उम्मीदवारों को छांट कर टिकट दिया गया था लेकिन एक भी सीट जनसुराज के खाते में नही गया है। वहीं जनसुराज प्रत्याशियों को धमकाने का भी मामला सामने आया था।
जनता ने निकाली हवा
हालांकि जनसुराज के द्वारा उठाये गये मुद्दे से जनता का रूझान उनकी ओर बढा था और उम्मीद की जा रही थी कि जनसुराज पक्ष और विपक्ष को अच्छी टक्कर दे सकता है लेकिन ताजा परिणामों पर गौर करे तो जनता ने तमाम संभावनाओं को नकारते हुये जनसुराज की हवा निकाल दी है।
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