तेजप्रताप पर मुकदमा दर्ज किए जाने पर जदयू ने साधा निशाना, कहा- फर्जी सामाजिक न्याय का चुनाव आयोग ने किया बेनकाब

पटना : लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं. उनके खिलाफ बुधवार को रोसड़ा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. चुनाव आयोग के निर्देश पर ये एफआईआर दर्ज करायी गयी है. इस मामले पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने निशाना साधते हुए कहा कि फर्जी सामाजिक न्याय का चुनाव आयोग ने लालू के लाल तेजप्रताप यादव पर मुकदमा दर्ज कर बेनकाब किया. लालू परिवार के राजनीति डीएनए में है. राजनीति में संपत्ति सृजन करना लालू यादव और तेजस्वी यादव पर आरोप लगा है. अब यह आरोप तेजप्रताप पर लगा है. अब उनपर भी मुकदमा दर्ज हुआ है.

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लालू परिवार संपत्ति की हेराफेरी, संपत्ति सृजन और फर्जी सामाजिक न्याय का प्रयाय रहा है. इसलिए लालू परिवार की राजनीतिक न्याय दुर्गति का एक महत्वपूर्ण अंश है.

गौतलब है कि तेजप्रताप यादव पर 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में गलत शपथ पत्र देने और अपनी संपत्ति छिपाने का आरोप लगा है. इसी मामले पर चुनाव आयोग के निर्देश पर मामला दर्ज हुआ है. तेजप्रताप यादव फिलहाल समस्तीपुर जिले के हसनपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. उनके खिलाफ बुधवार को रोसड़ा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. तेजप्रताप यादव पर 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में गलत शपथ पत्र देने और अपनी संपत्ति छिपाने का आरोप लगा है. चुनाव आयोग के निर्देश पर ये एफआईआर दर्ज करायी गयी है. आयोग का निर्देश मिलने के बाद हसनपुर विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी और समस्तीपुर के प्रभारी भूमि सुधार उप समाहर्ता एसडीओ ब्रजेश कुमार ने एफआईआर दर्ज करायी है. उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 क के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

22Scope News

निर्वाची पदाधिकारी ने थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी में कहा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव के सेकेंड फेज में तेजप्रताप यादव ने 13 अक्टूबर 2020 को 140 हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था. नामांकन के दौरान तेज प्रताप यादव ने शपथ पत्र देकर अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था. तेजप्रताप यादव द्वारा शपथ पत्र में दिया गया संपत्ति का ब्योरा गलत निकला है.

दरअसल तेजप्रताप यादव द्वारा शपथ पत्र में संपत्ति छिपाने का आरोप जेडीयू ने लगाया था और इसकी लिखित शिकायत बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की थी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जेडीयू के आवेदन को चुनाव आयोग को भेज दिया था. चुनाव आयोग ने आवेदन पत्र में लगाये गये आऱोपों की जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को निर्देश दिया था. सीबीडीटी ने इस मामले की पूरी जांच पड़ताल की और चुनाव आय़ोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

सीबीडीटी ने अपने तीन पत्रों की जांच रिपोर्ट में कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2015 और 2020 के लिए तेज प्रताप यादव ने अलग-अलग शपथ पत्र दायर किया था. दोनों शपथ पत्रों को देखने पर पता चलता है कि 2015 से 2020 के बीच तेजप्रताप यादव की चल औऱ अचल संपत्ति में 82 लाख 40 हजार 867 रुपए का इजाफा हुआ. लेकिन तेजप्रताप यादव ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में कुछ अलग ही ब्योरा दिया. वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2016-20 तक तेजप्रताप यादव की ओर से दाखिल किये गये इनकम टैक्स रिटर्न के हिसाब से उनकी कुल आय 22 लाख 76 हजार 220 ही है. जाहिर है तेजप्रताप ने सही जानकारी नहीं दी है.

रिपोर्ट: शक्ति

https://22scope.com/bihar/halt-e-bihar/

Share with family and friends:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *