PATNA: निकाय चुनाव की तारीखों के एलान के बाद
JDU ने कहा आरक्षण पर बीजेपी का चेहरा उजागर हुआ है.
बीजेपी चुनाव नहीं होने देना चाहती थी, यह बात अब सामने आ गई है.
बता दें कि बुधवार देर शाम राज्य निर्वाचन आयोग ने
निकाय चुनाव की नई तारीखों का एलान कर दिया.
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी शेड्यूल के मुताबिक राज्य में
दो चरणों में निकाय चुनाव कराए जाएंगे.
इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने अति पिछड़ा आरक्षण
को लेकर निकाय चुनाव पर रोक लगा दी थी.
चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बीजेपी ने गलत तथ्यों के आधार पर निकाय चुनाव को रोकने की कोशिश की थी लेकिन चुनाव की तारीखों के एलान के बाद उसका असली चेहरा उजागर हो गया है.
आरजेडी ने किया सरकार का समर्थन
वहीं चुनाव को लेकर आरजेडी ने सरकार का समर्थन किया है.
आरजेडी पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व निर्धारित तिथि पर ही मतदान होगा, बीजेपी के चुनाव प्रभावित करने का कुचक्र बेनक़ाब हुआ. अति पिछड़ों के हक़ को लेकर ये चुनाव मील का पत्थर साबित होगा.
वहीं बीजेपी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की सरकार बिहार में निकाय चुनाव नहीं होने देना चाह रही है. पार्टी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बिहार में निकाय चुनाव कराने की मंशा राज्य सरकार की नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के बावजूद आज निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि जो आयोग ट्रिपल टेस्ट के लिए सक्षम नहीं है, उसके माध्यम से रिपोर्ट बनाना गैरसंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा डेडिकेटेड कमीशन पर रोक लगाने के बावजूद राज्य सरकार किसी भी तरह से इस चुनाव को रोकना चाहती है। यह सीधे सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना के समान है.
रिपोर्टरू राजीव कमल