रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा 2025 में प्रश्न पत्र लीक होने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। परीक्षा की शुरुआत 11 फरवरी से हुई थी, लेकिन इसके पहले दिन से ही सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र वायरल होने की खबरें सामने आ रही हैं। हिंदी और साइंस के बाद अब संस्कृत का प्रश्न पत्र भी परीक्षा से पहले वायरल हो गया, जिससे छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ गई है।
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पेपर लीक का सिलसिला जारी, पुलिस कर रही जांच
अब तक सामने आए मामलों के अनुसार, परीक्षा के एक या दो दिन पहले ही प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने से पहले ही लीक हो रहे हैं। यह भी एक बड़ा सवाल है कि ये लीक मामले झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के नए अध्यक्ष के कार्यभार संभालने से पहले की व्यवस्था में हुए या उनके कार्यभार संभालने के बाद। फिलहाल, पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई है।
छात्रों में असमंजस और निराशा का माहौल
लगातार हो रहे पेपर लीक से परीक्षार्थियों के मनोबल पर असर पड़ रहा है। साइंस परीक्षा देने के बाद जैसे ही छात्र घर पहुंचे, उन्हें यह सूचना मिली कि पेपर लीक होने के कारण हिंदी और साइंस की परीक्षा रद्द कर दी गई है। अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इन रद्द परीक्षाओं को दोबारा कब आयोजित किया जाएगा। संस्कृत की परीक्षा को लेकर भी छात्रों में संशय की स्थिति बनी हुई है।
फिजिक्स पेपर का वायरल प्रश्न पत्र निकला फर्जी
इधर, इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान विज्ञान संकाय के फिजिक्स पेपर की परीक्षा शुक्रवार को दूसरी पाली में दोपहर 2:00 बजे से 5:15 बजे तक आयोजित हुई। इस दौरान सोशल मीडिया पर फिजिक्स का प्रश्न पत्र वायरल होने की खबरें आईं। लेकिन जब परीक्षा समाप्त हुई और जैक द्वारा इसकी जांच की गई, तो पाया गया कि वायरल प्रश्न पत्र फर्जी था।
बोर्ड और प्रशासन पर उठ रहे सवाल
लगातार पेपर लीक की घटनाओं के चलते झारखंड एकेडमिक काउंसिल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि इस मामले की गहराई से जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रशासन को कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
फिलहाल, पुलिस जांच जारी है और परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने की जरूरत बताई जा रही है।