झारखंड में 9 साल से JTET नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने 31 मार्च 2026 तक परीक्षा कराने का आदेश दिया और नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी।
Jharkhand Education News रांची: झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) आयोजित न होने को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। राज्य में पिछले 9 साल से यह परीक्षा नहीं हुई, जबकि शिक्षक नियुक्तियों के लिए यह अनिवार्य है।
गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान स्कूली शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह अदालत में पेश हुए। जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने सचिव से सीधा सवाल किया कि आखिर अब तक JTET क्यों नहीं कराई गई।
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झारखंड में पिछले 9 साल से शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) नहीं हुई।
याचिका पर सुनवाई के दौरान स्कूली शिक्षा सचिव हाईकोर्ट में पेश हुए।
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा – अब तक JTET क्यों नहीं कराई गई?
कोर्ट ने 31 मार्च 2026 तक JTET कराने का आदेश दिया।
तब तक शिक्षकों की नई नियुक्तियों पर रोक लगाई गई।
करीब 400 लोगों ने इस मामले में याचिका दाखिल की है।
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सरकार की ओर से बताया गया कि परीक्षा को लेकर नई नियमावली बनाई जा रही है। इसके लिए जनता से सुझाव मांगे गए हैं और अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है। कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अदालत ने राज्य सरकार को 31 मार्च 2026 तक JTET कराने का सख्त आदेश दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि जब तक परीक्षा नहीं होती, तब तक सहायक आचार्य (Assistant Teachers) की नई नियुक्ति पर रोक रहेगी।
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राज्य सरकार ने अदालत को जानकारी दी कि JTET परीक्षा का आयोजन झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) करता है। फरवरी में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा होती है, और उसी की तैयारी चल रही है। नियमावली संशोधन के बाद ही परीक्षा का आयोजन होगा।
गौरतलब है कि इस मामले में हरिकेश महतो सहित लगभग 400 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इनका कहना है कि JTET नहीं होने की वजह से वे वर्षों से नियुक्ति से वंचित हैं।
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