रांची: झारखंड में आगामी चुनावों की तैयारी तेज हो चुकी है, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा का संकल्प पत्र जारी करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं। इस संकल्प पत्र में उन्होंने न केवल झारखंड के विकास की दिशा में पार्टी के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया, बल्कि हेमंत सोरेन की सरकार पर भी जमकर हमला बोला।
अमित शाह ने कहा कि यूनीफॉर्म सिविल कोड (UCC) झारखंड के आदिवासियों पर लागू नहीं होगा। उन्होंने आदिवासियों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा, “हम जमीन हड़पने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेंगे और आदिवासियों की लूटी हुई जमीन वापस दिलाने का काम करेंगे।” उनका यह बयान झारखंड के आदिवासियों के बीच सुरक्षा और सम्मान की भावना को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गृहमंत्री शाह ने झारखंड में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि झारखंड में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार देखा गया है। उन्होंने हाल ही में हुई पेपर लीक की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, हेमंत सोरेन की सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने युवाओं के साथ छल किया है, खासकर बेरोजगारी भत्ते के मामले में। उन्हों ने आगे कहा कि “मंत्री के घर से 20 करोड़ से ज्यादा रुपये मिले हैं। इन रुपयों का हिसाब कौन देगा?”
अमित शाह ने चुनावों को झारखंड के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बल्कि झारखंड का भविष्य सुनिश्चित करने का चुनाव है।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे तय करें कि क्या उन्हें भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार चाहिए या विकास के रास्ते पर चलने वाली भाजपा सरकार।
शाह ने यह भी कहा कि झारखंड की संस्कृति, रोजगार और बेटियों की सुरक्षा को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। “हमने माटी, रोटी और बेटी को सुरक्षित करने का एक नारा लेकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है,” उन्होंने कहा।
भाजपा के संकल्प पत्र में पिछड़ा वर्ग के लिए संवैधानिक मान्यता का वादा किया गया है। अमित शाह ने कहा, “काका साहेब कालेलकर कमीशन से लेकर मंडल आयोग तक कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। लेकिन मोदी जी ने पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक मान्यता देकर उनका सम्मान किया है।”
उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हेमंत सोरेन की सरकार विफल रही है। “झारखंड में नाबालिग लड़कियों की तस्करी और महिलाओं के अपहरण के मामलों में वृद्धि हुई है। हमारी सरकार ने 50 लाख तक की महिलाओं की संपत्ति की रजिस्ट्री एक रुपए में करती थी, जिसे हमने फिर से लागू करने का निर्णय लिया है,” शाह ने कहा।
अमित शाह ने केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के विकास के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने 2014 से 2024 के बीच झारखंड को 3 लाख 80 हजार करोड़ रुपये दिए हैं।” इसके अलावा, झारखंड में 57 पुराने रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास, नौ वंदे भारत ट्रेनों का संचालन, और विभिन्न विकास योजनाओं का जिक्र किया गया।
भाजपा ने झारखंड के विकास और सुरक्षा के लिए एक ठोस रणनीति पेश की है। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि यह संकल्प पत्र केवल पार्टी का नहीं, बल्कि झारखंड के करोड़ों वासियों की आशाओं और उम्मीदों का प्रतीक है। “यह संकल्प पत्र भ्रष्टाचार का अंत करने और विकास के रास्ते पर झारखंड को गति देने का माध्यम है,” उन्होंने कहा।
गृहमंत्री अमित शाह का यह संबोधन न केवल भाजपा की चुनावी रणनीति को स्पष्ट करता है, बल्कि झारखंड की जनता को एक नई उम्मीद भी देता है। भाजपा ने स्पष्ट किया है कि वह आदिवासियों, महिलाओं और पिछड़े वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस संकल्प पत्र के माध्यम से पार्टी ने झारखंड की जनता के समक्ष अपने विकास के एजेंडे को प्रस्तुत किया है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। झारखंड की जनता को यह तय करना है कि वे किस प्रकार की सरकार चाहती हैं, और भाजपा ने एक बार फिर से अपनी सरकार बनाने का वादा किया है।




































