रांची. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रदेश की हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ‘झारखंड अब इस्लामिक राज्य है’। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार खुद मानती है कि प्रदेश में 648 विद्यालयों में छुट्टी रविवार के बदले शुक्रवार को होती है।
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भाजपा सांसद का हेमंत सरकार पर हमला
इसको लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “झारखंड अब इस्लामिक राज्य है, झारखंड सरकार खुद मानती है कि 648 विद्यालय में छुट्टी रविवार के बदले शुक्रवार को होता है, 2007 में यह आदेश भी कांग्रेस के सरकार में ही लागू हुआ था। गोल मोल जबाब अंत में यही बताता है कि स्कूल जहाँ ज़बरदस्ती उर्दू लगा व रविवार के बदले शुक्रवार छुट्टी होती है उसकी संख्या हज़ारों में है।”
भाजपा सांसद ने लोकसभा में उठाया था सवाल
दरअसल, पिछले साल अगस्त में लोकसभा में शून्य काल के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह मामला उठाया था। अब इसका लिखित जवाब केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने दिया है।
केंद्रीय मंत्री का लिखित जवाब
अपने लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा है, “दिनांक 02.08.2024 को लोकसभा में शून्य काल के दौरान आपके द्वारा उठाए गए तत्काल ‘सार्वजनिक महत्व के मामले’ का संदर्भ में, जोकि झारखंड के कुछ क्षेत्रों में विद्यालयों के नामों में उर्दू भाषा के अनाधिकृत उपयोग और रविवार के स्थान पर शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में मनाए जाने के संबंध में है।
मैं सूचित करना चाहूंगा कि इस संबंध में झारखंड राज्य सरकार ने अपने दिनांक 10.01.2025 के पत्र माध्यम से सूचित किया है कि इसी तरह के एक मामले पर राज्य सरकार और अन्य के खिलाफ पंकज कुमार यादव द्वारा दायर की गई एक डब्ल्यूपी (पीआईएल) सं. 3428/2022 को झारखंड उच्च न्यायालय ने दिनांक 23.10.2024 को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया था, “प्रतिवादी संख्या 5 द्वारा दायर जवाबी हलफनामें के मद्देनजर रिट याचिका में कोई भी शेष नहीं है।” तदनुसार, यह रिट याचिका खारिज की जाती है।
चूंकि एकीकृत बिहार के समय से झारखंड में कुल 648 विद्यालयों को उर्दू विद्यालय के रूप में चिन्हित किया गया है। सचिव, मानव संसाधन विकास, झारखंड द्वारा दिनांक 05.09.2007 के पत्र संख्या 1834 के तहत जारी निर्देशानुसार, ये उर्दू स्कूल शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश रखते हैं और रविवार को खुले रहते हैं। विभाग के संज्ञान में कुछ विद्यालयों के नाम में उर्दू शब्द जोड़ने का मामला आने पर कार्रवाई की गई। वर्तमान में यह विद्यालय विभागीय निमयों के अनुसार सचालित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के दिनांक 10.01.2025 के पत्र की प्रति आपके अवलोकनार्थ संलग्न है।”