Ranchi– कोरोना संक्रमण काल के बाद झारखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में एक नयी छलांग लगाने जा रहा है.
Highlights
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 23 जुलाई को दिल्ली में झारखण्ड पर्यटन नीति 2021 का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों शुभारंभ होगा.
इसकी मेजबानी पर्यटन, कला- संस्कृति, खेल और युवा मामले विभाग, झारखण्ड सरकार,
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से होगा.
इस नीति के तहत वीकेंड गेटवे के साथ धार्मिक, इको, एडवेंचर, वेलनेस, रूरल और माइनिंग टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना है.
कहा जा सकता है कि झारखंड ने देश और विदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल होने की यात्रा की शुरुआत कर दी है.
परंपरा, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज झारखण्ड
झारखण्ड प्रकृति की सुंदरता और प्रचुरता से संपन्न है. जंगल, हरियाली से सजे पहाड़, मंत्रमुग्ध करने वाले झरने,
अक्षुण्ण परम्परा और संस्कृति से लेकर सुंदर और शांत पर्यटन स्थलों की बदौलत झारखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सक्षम है.
इसलिए राज्य में पर्यटन के फलने-फूलने के लिए एक स्पष्ट नीति निर्धारण की जरुरत लम्बे अर्से से महसूस की जा रही थी.
नई नीति पर्यटकों का प्रकृति के साथ अद्भुत और अविस्मरणीय मिलन का माध्यम होगा
पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी को धार्मिक तीर्थस्थल के रुप में विकसित करने की योजना
सरकार का ध्यान , मधुबन और इटखोरी को धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की है.
(लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया-गेतलसूद) सर्किट जैसे इको-सर्किट का विकास कर
राज्य में इको-टूरिज्म की अपार संभावनाओं को तलाशा जायेगा.
विभिन्न मेलों, त्योहारों, सांस्कृतिक और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की समृद्ध परम्परा और
सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को रूबरू करवाने की योजना है.
इस नीति में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, मोटर ग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों की श्रृंखला भी शामिल है.
बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे होने के कारण झारखण्ड को भौगोलिक लाभ भी प्राप्त होगा और
इस तरह वीकेंड गेटवे की तलाश करने वालों के लिए झारखण्ड एक आदर्श स्थल के
रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकता है.
नीति का एक अनूठा पहलू खनन पर्यटन को बढ़ावा देना भी है.
सरकार झारखण्ड पर्यटन विकास निगम के आधुनिकीकरण की योजना बना रही है.
इसके अलावा मौजूदा पर्यटक सूचना केंद्रों के उन्नयन पर जोर दिया जाएगा, जो पर्यटकों की सभी जरूरतों को पूरा करेगा.
निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन
नई पर्यटन नीति निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान भी करेगी.
सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस, प्रोत्साहन और सब्सिडी के लिए एक
सुव्यवस्थित प्रणाली के साथ पूरी प्रक्रिया आसान कर दिया गया है.
बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी), बीओओटी (बिल्ट ऑन ऑपरेट ट्रांसफर), बीएलटी (बिल्ट लीज ट्रांसफर) के
जरिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच एक रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी का प्रस्ताव भी दिया गया है.
विदेशी कॉर्पोरेट निकायों (ओसीबी) और एनआरआई के व्यवहार्य द्वारा विदेशी निवेश और
तकनीकी सहयोग करने की प्रक्रियाओं को भी अपनाया गया है.
नई पर्यटन इकाइयों को सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें पूंजी निवेश में प्रोत्साहन मिलेगा.
सरकार पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्यटक सुरक्षा बल, 24 घंटे की पर्यटक हेल्पलाइन
और केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना सुनिश्चित कर रही है.
झारखण्ड के पर्यटन को प्रतिभाशाली और मेहनतकश ग्रामीण आबादी के सहयोग से विकसित किया जाएगा.
इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर भी सृजित होंगे.