विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस पर बोले स्पीकर- आंदोलन की उपज है झारखंड

रांची : झारखंड विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस समारोह पर स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड एक आंदोलन की उपज है.

उन्होंने कहा कि झारखंड संकल्पना सदियों पुरानी है. इस संकल्पना को बिरसा मुंडा ने शक्ति प्रदान की है.

इस परंपरा को दिशोम गुरु शिबू सोरेन सहित कई क्रांतिकारियों ने आगे बढ़ाया है.

प्राकृतिक संसाधन से भरपूर इस राज्य के साढ़े तीन करोड़ जनता को लाभ पहुंचाना है.

विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस: सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक हैं आदिवासी

स्पीकर ने कहा कि आदिवासी को आप लोकतांत्रिक नहीं सिखा सकते क्योंकि वे सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक हैं.

हमारे लोगों का इतिहास सबसे ज्यादा संघर्षपूर्ण रहा है.

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य गठन के उन उद्देश्यों के करीब पहुंच गये हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अपनी योजनाओं के साथ और अपनी बेहतरीन के साथ जन-जन तक पहुंच रही है. चाहे सर्वजन पेंशन योजना हो या फूलो झानो आशीर्वाद योजना हो, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना हो, बीरसा हरित योजना सहित कई अन्य योजना हो राज्य सरकार अपनी योजना को लेकर झारखंड के आमलोगों तक पहुंच रही है. शिक्षा के प्रति सरकार सजग है. इसके बाद स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस की बधाई दी.

विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस: तीन दिनों तक चलेगा जश्न

तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में पहले दिन यानी 22 नवंबर को स्थापना दिवस के साथ साथ उत्कृष्ट विधायक और कर्मियों को सम्मानित किया गया. वहीं दूसरे दिन 23 नवंबर को सांस्कृतिक समेत अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. 23 नवंबर को डॉ कुमार विश्वास का काव्य पाठ इस समारोह का मुख्य आकर्षण होगा. इसके अलावा इस दिन राज्य के स्थानीय कलाकारों के द्वारा भी प्रस्तुति दी जायेगी. इसके अलावा विधानसभा द्वारा केंद्र व राज्य संबंध पर इसी दिन राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है. देशभर के विधिक व संसदीय विशेषज्ञ नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची और पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च, पीआरएस द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में भाग लेने पहुंचेंगे. देशभर के विशेषज्ञ इसमें 10 अलग-अलग विषयों पर चर्चा करेंगे.

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