झारखंड शराब घोटाला: एसीबी का शिकंजा और सख्त, तीन और गिरफ्तार, आय-व्यय की जांच तेज

रांची: झारखंड में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच तेजी पकड़ चुकी है। मंगलवार को आईएएस अधिकारी विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं। पकड़े गए लोगों में झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के जीएम (वित्त) सुधीर कुमार दास, पूर्व जीएम (वित्त) सुधीर कुमार और एक प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक नीरज कुमार सिंह शामिल हैं। तीनों आरोपियों को कोतवाली थाना में रखा गया है और गुरुवार को उन्हें एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

एसीबी ने बुधवार को उत्पाद भवन में भी छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की। अब एजेंसी गिरफ्तार अधिकारियों के पिछले 10 वर्षों के आय-व्यय और संपत्ति की बारीकी से जांच में जुटी है। एसीबी अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही दोनों अधिकारियों के बैंक खातों, पैन कार्ड और घोषित संपत्तियों का अध्ययन किया जाएगा ताकि अवैध रूप से अर्जित संपत्ति का पूरा ब्योरा मिल सके। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन अधिकारियों ने किन-किन स्थानों पर चल-अचल संपत्तियां खरीदीं।

गिरफ्तार अधिकारियों पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन में नियमों की अनदेखी की और आपराधिक साजिश के तहत जालसाजी करते हुए कुछ एजेंसियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। इस कृत्य से राज्य सरकार को अनुमानित तौर पर 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एसीबी अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह रकम किस-किस के बीच कैसे वितरित हुई।

एसीबी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है और कई अन्य अफसर व एजेंसियां भी रडार पर हैं।


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