झारखंड में एक दिसंबर से धान की खरीदारी शुरू होगी। रांची समेत जिलों में मिलरों का रजिस्ट्रेशन 30 अक्टूबर तक। बंपर पैदावार से बढ़ेंगे खरीद केंद्र।
Jharkhand Paddy Procurement 2025 रांची: झारखंड में इस साल धान की बंपर पैदावार के बीच एक दिसंबर से राज्यभर में धान की सरकारी खरीदारी शुरू की जाएगी। रांची सहित अन्य जिलों में इसके लिए खरीद केंद्रों का चयन और मिलरों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने झारखंड राज्य खाद्य निगम के महाप्रबंधक को निर्देश दिया है कि धान अधिप्राप्ति से पहले सभी मिलरों का रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया जाए, ताकि प्राप्त धान को सीधे पंजीकृत मिलरों को भेजा जा सके।
Key Highlights:
झारखंड में धान की खरीदारी एक दिसंबर से शुरू होगी
मिलरों के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तय
खरीद केंद्रों पर किसानों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी
राज्य में करीब 47 लाख टन धान की बंपर पैदावार का अनुमान
रांची सहित कई प्रखंडों में बढ़ाई जाएगी अधिप्राप्ति केंद्रों की संख्या
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया
रांची जिले के सभी मिलरों को 30 अक्टूबर तक दोपहर तीन बजे तक समाहरणालय के कक्ष संख्या 504 (पांचवीं मंजिल) में आवेदन जमा करना होगा।
Jharkhand Paddy Procurement 2025: मिलरों के लिए आवेदन में जरूरी जानकारी
रजिस्ट्रेशन फॉर्म में मिलरों को निम्न विवरण देना अनिवार्य होगा:
राइस मिल का नाम और मालिक का नाम
मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी
मिलिंग व भंडारण क्षमता
मिल परिसर में सीसीटीवी कैमरे और एक माह की वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा
मिल पर किसी प्रकार का बकाया है या नहीं
मिल में ब्लेंडिंग मशीन की उपलब्धता
इन जानकारियों के आधार पर प्रत्येक मिल को उसकी क्षमता अनुसार धान अधिप्राप्ति केंद्रों से जोड़ा जाएगा।
Jharkhand Paddy Procurement 2025:बंपर पैदावार, बढ़ेंगे खरीद केंद्र
इस बार झारखंड में लगभग 47 लाख टन धान उत्पादन का अनुमान है। मानसून के दौरान अच्छी बारिश से धान की खेती ने किसानों को राहत दी है। रांची के कांके, रातु, मांडर, चान्हो, ओरमांझी, बेड़ो, इटकी, नामकुम, सिल्ली, सोनाहातू, बुंडू और तमाड़ जैसे प्रखंडों में फसलें लहलहा रही हैं।
इस बंपर उत्पादन को देखते हुए जिले में धान अधिप्राप्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि किसानों को अपने उत्पाद बेचने में आसानी हो। सरकार की ओर से केंद्रों पर सफाई, तौल, बोरियां, पेयजल, बैठने की व्यवस्था, प्राथमिक उपचार और शेड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
कृषि निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार धान की फसल तो रिकॉर्ड स्तर पर हुई है, लेकिन दलहन, तिलहन, मक्का और अन्य मोटे अनाज की बुवाई लक्ष्य से कम रही है।
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