Ranchi : झारखंड भाजपा के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में चल रही सरकार को उत्पाद सिपाही भर्ती के दौरान हो रही मौत का जिम्मेदार ठहराया है। सांसद ने उत्पाद सिपाही दौड़ के दौरान बेहोश हो गयी रांची की आरती केरकेट्टा तथा पलामू के राज की इलाज के दौरान कल हुई मौत पर नाराजगी जताई है।
Jharkhand Politics : उत्पाद सिपाही भर्ती में हो रही मौत के राज्य सरकार जिम्मेदार है
अपनी प्रतिक्रिया में राज्यसभा सांसद ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार राज्य में युवाओं और युवतियों के बीच नौकरी नहीं बल्कि मौत बांट रही है। राज्य के युवा हेमन्त सरकार से पिछले पांच साल से नौकरी मांगते-मांगते थक गए और आज राज्य सरकार उन्हें नौकरी मांगने की सजा मौत दे रही है। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गयी जब राज्य के मुख्यमंत्री भर्ती प्रक्रिया, बदइंतजामी व्यवस्था के बजाय कोरोना काल में ली गयी वैक्सीन को मौत का कारण बता रही है।
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रात भर अभ्यर्थियों को लाइन में भूखे प्यासे खड़ा कर दिया जा रहा है और सितंबर माह के दोपहर में जब गर्मी और उमस ज्यादा होती है तब उन्हें दौड़ाया जा रहा है। युवा बेहोश नहीं होंगे तो क्या होंगे। अगर भर्ती स्थल पर इलाज का समुचित व्यवस्था होती तो शायद राज्य के इतने होनहार युवाओं की मौत नहीं होती।
मृतक के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा की मांग
सासंद ने हेमन्त सोरेन के पिता शिबू सोरेन की बातों को याद दिलाते हुए कहा जिसमें उन्होंने कभी कहा था कि अगर झारखंड के युवा पेड़ पर चढ़ जाए और तीर धनुष चला ले तो उसे पुलिस में भर्ती कर ली जाएगी, लेकिन आज उन्ही शिबू सोरेन के पुत्र पुलिस भर्ती के लिए युवाओं को 10 किमी दौड़ा रहे हैं।
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इन दोनों पिता पुत्र की कथनी में जमीन-आसमान का अंतर होता है। राज्य की जनता हेमंत सोरेन सरकार की इन गलतियों को कभी माफ नहीं करेगी। सांसद दीपक प्रकाश ने उत्पाद सिपाही भर्ती मामले में मरने वाले मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी देने की राज्य सरकार से मांग की है।
रांची से मदन सिंह की रिपोर्ट—-