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Ranchi : झारखंड की जनता पांच साल से उस गिद्ध शासन में कैद है, जहां मुख्यमंत्री आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहा है। झारखंड की संपदा लूटने में व्यस्त हेमंत सोरेन का पूरा चरित्र ही भ्रष्टाचार का लबादा ओढ़े हुए है। जिन आदिवासियों को हक अधिकार दिलाने के उद्देश्य से झारखंड राज्य की स्थापना हुई थी वह उद्देश्य पूरा ही नहीं हुआ है। बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पोस्ट डालकर हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
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हेमंत सोरेन के कार्यकाल में वो सबकुछ छीना गया। बांग्लादेशी घुसपैठियों को सिर पर बिठाने वाले हेमंत सोरेन को बाकि दुनिया गिद्ध नजर आ रही है, जबकि असलियत तो यह है कि झारखंडी अस्मिता को तार-तार कर चुके हेमंत सोरेन की सरकार भ्रष्टाचार में गले तक डूबी हुई है। युवाओं का भविष्य रसातल में चला गया है और जनता का वर्तमान दलदल में फंसा हुआ है।
Jharkhand Politics : इलाज के अभाव में मर रही है आदिवासी जनता
झारखंड में आदिवासी सीएम रहने के बावजूद यहां की आदिवासी जनता इलाज के अभाव में मर रही है। अस्पताल जाने पर एक भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं, जिसके कारण बच्चे अपना दम तोड़ दे रहे हैं। राज्य के युवा नौकरी के लिए दौड़ लगाते-लगाते दम तोड़ दे रहे हैं। दलालों और बिचौलियों के बीच बैठे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास एक मुद्दा नहीं है, जिसके बूते वे वोट मांग सकें।
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हेमंत सोरेन पिछले चुनाव से पहले पांच लाख नौकरियां देने का वादा करके सत्ता में आए थे, लेकिन पांच साल में उनके पास बताने को पांच काम भी नहीं हैं। हेमंत सोरेन किसी जन आंदोलन में नहीं, भ्रष्टाचार में जेल गए थे और वहां से लौटे तो पक्के अपराधी बनकर लौटे हैं। जेल से लौटते ही उन्होंने आदिवासी अस्मिता को तार तार करने वाले कई कदम उठाए। सत्ता के बिना रहना उनको बर्दाश्त नहीं हुआ इसलिए पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को गद्दी पर से हटा दिया।